परिवार की हत्या कर रेल की पटरी पर लेटा कारोबारी, लेकिन..., 'कत्ल' और 'करिश्मे' की एक अजीबोगरीब कहानी
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ये कहानी है उत्तर प्रदेश के इटावा शहर की. यहां लालपुरा में रहने वाले सर्राफ़ा कारोबारी मुकेश वर्मा के घर सोमवार 10 नवंबर की सुबह से ही ताला लटक रहा था. लेकिन किसी को इस बात को लेकर कोई शंका नहीं हुई. मगर शाम होते-होते कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस के साथ-साथ पूरे इटावा के लोग सन्न रह गए.
जिंदगी कई बार इंसान को ऐसे मुकाम पर ले आती है, जिसे बयान करना भी मुमकिन नहीं होता. इटावा के रहने वाले सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा की इस वक़्त यही हालत है. उसकी जिंदगी में हादसा और करिश्मा एक साथ हुआ. एक ऐसा हादसा जिसका जिम्मेदार भी कोई और नहीं बल्कि खुद मुकेश है. उसने पहले खुद अपने हाथों से अपने हंसते-खेलते परिवार को ख़त्म किया. बीवी के साथ-साथ तीन प्यारे-प्यारे बच्चों की जान ली और फिर खुद ही मरने के लिए ट्रेन की पटरी पर लेट गया. लेकिन तकदीर का खेल देखिए ट्रेन की पटरी पर लेटे शख्स को मौत दग़ा दे गई. ट्रेन की सात बोगियां ऊपर से निकल गईं, लेकिन उसका बाल भी बांका न हुआ.
ये कहानी है उत्तर प्रदेश के इटावा शहर की. यहां लालपुरा में रहने वाले सर्राफ़ा कारोबारी मुकेश वर्मा के घर सोमवार 10 नवंबर की सुबह से ही ताला लटक रहा था. साथ रहने वाले दूसरे रिश्तेदारों ने भी उनका मकान बंद देखा, लेकिन किसी को इस बात को लेकर कोई शंका नहीं हुई. मगर शाम होते-होते कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस के साथ-साथ पूरे इटावा के लोग सन्न रह गए. मुकेश दिन भर अलग-अलग जगहों पर घूमने-भटकने के बाद रात करीब 9 बजे इटावा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की पटरी पर जाकर लेट गया. इरादा खुदकुशी का था. लेकिन इत्तेफाक देखिए कि ऊपर से दनदनाती हुई मरुधर एक्सप्रेस की सात बोगियां गुजर गईं, मगर मुकेश को कुछ नहीं हुआ. उधर, जब ड्राइवर ने ट्रेन के नीचे लेटे शख्स को देखा को गाड़ी रोक दी. पुलिस बुलाई गई और मुकेश को खींच कर ट्रेन के नीचे से बाहर निकाला गया. उसे बस मामूली खरोंच आई थी. इस तरह उसकी जिंदगी तो बच गई, लेकिन इस अजीबोगरीब वाकये के साथ जो कहानी सामने आई, वो रौंगटे खड़े करने वाली थी. मुकेश ने बताया कि उसने खुद अपने हाथों से अपने पूरे परिवार को यानी अपनी बीवी और तीन-तीन बच्चों को ख़त्म कर दिया है. अब उसका इरादा खुदकुशी करने का था, लेकिन ऐसा न हो सका. ये खबर मिलते ही पुलिस भागी-भागी लालपुरा में उसके घर पहुंची और घर के अंदर का मंजर देख कर ठिठक गई. अंदर का सीन खौफनाक था.
मुकेश वर्मा की बीवी रेखा वर्मा, 22 साल की बेटी भव्या, 16 साल की बेटी काव्या और 10 साल का बेटा अभिष्ट की लाश पड़ी थी. देखने से लगता था कि उनका क़त्ल गला घोंट कर किया गया है. हालांकि अब तक मुकेश भी अपने पूरे परिवार के कत्ल की कहानी सुना चुका था. उसने बताया कि कैसे पहले उसने अपने परिवार को नींद की गोलियां खिला दी और फिर खुद अपने हाथों से एक-एक कर अपने बीवी बच्चों को गला घोंट दिया. मुकेश ने बताया कि उसने और उसकी बीवी ने मिल कर सामूहिक खुदकुशी की प्लानिंग की थी, एक बार उन्होंने फंदा लगा कर जान देने की भी कोशिश की, लेकिन कई बार कोशिश करने के बावजूद दोनों फंदा लगाने में नाकाम रहे.
उन्होंने रविवार की रात को नींद की गोली से जान देने का फैसला किया. मुकेश ने बच्चों के लिए पिज्जा मंगवाया और उसमें नींद की गोलियां मिला दीं. हालांकि पिज्जा का स्वाद बिगड़ जाने से बच्चों ने पूरा पिज्जा नहीं खाया, लेकिन इसके बावजूद सभी को नींद आ गई. इसके बाद सोमवार की सुबह 4 बजे उसने फंदे से गला घोंट कर पहले अपनी पत्नी की जान ली और फिर एक-एक कर बच्चों को मार डाला. इसके बाद सुबह 4 बजे से लेकर दस बजे तक वो चार लाशों के साथ घर में ही बंद रहा. इस दौरान उसने एक-एक कर अपने 20 दोस्तों और रिश्तेदारों से फोन पर बात की. यहां तक कि बड़े भाई को भी फोन लगाया, जो इस दौरान मंदिर में पूजा कर रहे थे.
यकीन मानिए कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बावजूद मुकेश वर्मा की आवाज से किसी को भी ये नहीं लगा कि वो पूरे परिवार को खत्म करने के बाद उन्हें फोन कर रहा है. इसके बाद वो दिन भर इधर-उधर भटकता रहा. और फिर खुदकुशी करने के इरादे से रेलवे स्टेशन पहुंचा. लेकिन जान देनेसे पहले उसने रात को आठ बज कर 20 मिनट पर अपनी पत्नी रेखा के फोन से तीन तस्वीरें स्टेटस पर लगाईं और चौथे में लिखा... ये सब खत्म. इसके बाद उसने पुलिस को सूचित किया. उसने 112 डायल कर पुलिस को बताया कि उसके घर के चार लोगों ने खुदकुशी कर ली है और वो भी मरने जा रहा है. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
वो पटरी पर लेटा तो जरूर, मगर ट्रेन से कटा नहीं. लेकिन फिर सवाल ये था कि आखिर मुकेश ने ऐसा किया ही क्यों? आखिर मुकेश और उसकी पत्नी की जिंदगी में ऐसा क्या चल रहा था कि वो जान देना चाहते थे. तो उसने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को जो कहानी बताई है, उसके मुताबिक उसके कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों ने उसके लाखों रुपये हड़प रखे हैं, जिसके चलते उसकी माली हालत खराब है और सालों से तनाव में चल रहा है. वो पहले भी कई बार मरने की बात कर चुका है, लेकिन हर बार उसकी पत्नी उसे ये कह कर ऐसा करने से रोक लेती थी कि अगर वो जान दे, तो उन्हें भी अपने साथ मार डाले, ताकि बच्चों की जिंदगी बोझ न बन जाए.
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