पति-पत्नी पर लगातार आरोप या मुकदमेबाजी मानसिक क्रूरता, Supreme Court ने माना इसे Divorce का आधार
Zee News
पति या पत्नी के खिलाफ लगातार आरोप लगाना मानसिक क्रूरता है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कहना है कि ऐसा करना तलाक (Divorce) का आधार बन सकता है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तलाक (Divorce) के एक मामले में सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि पति या पत्नी के खिलाफ लगातार आरोप और मुकदमेबाजी क्रूरता के समान है. ऐसा करना तलाक का आधार (Grounds of Divorce) बन सकता है.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की खंडपीठ में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के एक जोड़े की सुनवाई हो रही थी. पति ने कहा कि उन दोनों की शादी वर्ष 2002 में हुई थी. हालांकि पत्नी को ये लगता था कि शादी के लिए पैरंट्स ने उसकी सहमति नहीं ली. इसलिए वह शादी के तुरंत बाद मंडप से उठकर चली गई थी.
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