'पति अपनी पत्नी से खुश नहीं, इसका ये मतलब नहीं कि वो हत्या की साजिश रचे', SC ने 20 साल बाद शख्स को किया रिहा
Zee News
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल पत्नी को पसंद नहीं करने की वजह से उसकी हत्या करने की साजिश करने का सिद्धांत स्वीकार करना सही नहीं है. जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय पीठ ने इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 20 साल से पहले पत्नी की हत्या के जुर्म में कैद पति और उसके भाई को रिहा करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अपराध को देखने के लिए एक समान या सार्वभौमिक प्रतिक्रिया नहीं हो सकती. धारणा के आधार पर नतीजे नहीं निकाले जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल पत्नी को पसंद नहीं करने की वजह से उसकी हत्या करने की साजिश करने का सिद्धांत स्वीकार करना सही नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई सबूत पेश करने में असफल रहा जो साबित कर सके कि सभी आरोपियों के विचार और मंशा एक ही थी.More Related News