न्यूयॉर्क कोर्ट ने पलटा फैसला, #MeToo केस के दोषी हार्वे विंस्टीन को बड़ी राहत
AajTak
राज्य अपील न्यायालय के फैसले ने अमेरिका में शक्तिशाली हस्तियों द्वारा यौन दुराचार के मामले में एक दर्दनाक अध्याय को फिर से खोल दिया है. एक ऐसा युग जो 2017 में विंस्टीन के खिलाफ लगे एक के बाद एक आरोपों के साथ शुरू हुआ था. अदालत ने नये सिरे से मुकदमा चलाने का आदेश दिया.
न्यूयॉर्क की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को हार्वे विंस्टीन को साल 2020 में मिली बलात्कार की सजा को पलट दिया है. इसकी साथ कोर्ट ने पाया कि जिस #MeToo कैंपेन ने इतिहास बनाया, उससे संबंधित केस में न्यायाधीश ने ऐसे फैसले लिए जो अनुचित थे और पूर्व-फिल्म मुगल के प्रति पहले से ही पूर्वाग्रह से ग्रसित थे. इसीलिए महिलाओं को उन आरोपों के बारे में गवाही देने का निर्णय भी शामिल था जो मामले का हिस्सा नहीं थे।
राज्य अपील न्यायालय के फैसले ने अमेरिका में शक्तिशाली हस्तियों द्वारा यौन दुराचार के मामले में एक दर्दनाक अध्याय को फिर से खोल दिया है. एक ऐसा युग जो 2017 में विंस्टीन के खिलाफ लगे एक के बाद एक आरोपों के साथ शुरू हुआ था. अदालत ने नये सिरे से मुकदमा चलाने का आदेश दिया.उन पर आरोप लगाने वालों को फिर से गवाह के तौर पर अपने दुखों को फिर से जीने के लिए मजबूर किया जा सकता है.
72 वर्षीय विंस्टीन न्यूयॉर्क जेल में 23 साल की सजा काट रहे हैं. उन्हें 2006 में एक टीवी और फिल्म निर्माण सहायक के साथ जबरन ओरल सेक्स करने और उस पर हमला करने साथ ही 2013 में एक महत्वाकांक्षी अभिनेत्री से बलात्कार और आपराधिक यौन कृत्य के आरोप में दोषी ठहराए जाने के सजा मिली है.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है. क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है. क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा? देखें.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?