देश भर में दंगों की बड़ी साजिश? देखें विभिन्न राज्यों में हुईं हिंसक घटनाओं की क्रोनोलॉजी
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देश के अलग-अलग हिस्सों में अचानक हुए दंगे के पीछे नफरती टूलकिट आपको नजर आएगी. फसाद की सभी वारदातों को एक टाइमलाइन पर रखने पर पता चलता है कि ये संयोग नहीं बल्कि राष्ट्रव्यापी प्रयोग है. 2 अप्रैल-नव संवत्सर के उत्सव के रंग में भंग तब पड़ा जब राजस्थान का करौली दंगों से कराह उठा. साम्प्रदायिक दंगों की जिस चिंगारी ने करौली में कोहराम मचाया, उसी नफरती चिंगारी ने 10 अप्रैल यानी राम-नवमी के दिन 6 राज्यों को साम्प्रदायिक दंगों की आग में झुलसा दिया. 10 अप्रैल को मध्यप्रदेश के खरगौन और बड़वानी में दंगा हुआ. 10 अप्रैल को ही गुजरात का हिम्मतनगर, खंबाट और द्वारका साम्प्रदायिक फसाद का केंद्र बन गया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.