
दिल्ली और पंजाब के AAP सेनापतियों की उठापटक, आखिर क्या संकेत दे रहे हैं केजरीवाल?
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अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी में बड़े नेताओं की जिम्मेदारी बदल दी है. मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज तो क्रमशः पंजाब और दिल्ली के मोर्चे पर सामने नजर आ रहे हैं, लेकिन राघव चड्ढा और संजय सिंह का रोल अब क्या होगा, समझना काफी मुश्किल हो रहा है.
दिल्ली चुनाव में हार के बाद से आम आदमी पार्टी में पहली बार बड़ा बदलाव देखने को मिला है. और, लगता है मानो नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल की हार की जिम्मेदारी भी गोपाल राय पर डाल दी गई है.
गोपाल राय को हटाकर दिल्ली का संयोजक सौरभ भारद्वाज को बनाया गया है. गोपाल राय अब गुजरात के प्रभारी बनाये गये हैं. गोपाल राय के साथ दुर्गेश पाठक को अटैच कर दिया गया है गुजरात का ही सह-प्रभारी बनाकर.
दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभार दे दिया गया है. और सह-प्रभारी सत्येंद्र जैन को बनाया गया है. जबकि, पहले पंजाब के मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार के बतौर राघव चड्ढा ही ये सूबा देख रहे थे. नई उठापटक में राघव चड्ढा और संजय सिंह के बारे में कुछ क्लियर नहीं हो पाया है.
ये तो साफ साफ समझ में आ रहा है कि दिल्ली गंवाने के बाद अरविंद केजरीवाल के सामने हर हाल में पंजाब को बचाये रखने और 2027 में सत्ता में वापसी की चुनौती खड़ी हो गई है - और यही वजह है कि केजरीवाल ने अपने सबसे करीबी और भरोसेमंद सेनापति मनीष सिसोदिया को पंजाब की जिम्मेदारी सौंप दी है.
सौरभ-आतिशी की जोड़ी फिर से दिल्ली के मोर्चे पर
आम आदमी पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेता गोपाल राय को हटाया जाना एक तरह से दिल्ली चुनाव में हार का ठीकरा उनके माथे फोड़ने जैसा ही लगता है, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए अपनी टीम की उसी जोड़ी पर भरोसा जताया है, जिसे जेल जाते वक्त सत्ता की चाबी सौंप दी थी.

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