तोक्यो पैरालंपिक में रोका गया विनोद कुमार का कांस्य पदक, एफ-52 मुकाबले पर विरोध
Zee News
विरोध किसी अन्य प्रतिस्पर्धी द्वारा किया गया है जिसने एफ-52 के उनके क्लासिफिकेशन पर आपत्ति जताई है. विरोध का आधार अभी स्पष्ट नहीं है.
तोक्योः पहाड़ी से गिरने के कारण 10 साल तब बिस्तर पर रहने वाले चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने इतवार को तोक्यो पैरालंपिक में एशियाई रिकार्ड के साथ पुरूषों की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता लेकिन उनकी बीमारी के क्लासिफिकेशन पर विरोध के कारण वह जीत का जश्न नहीं मना पाए. बीएसएफ के 41 साल के जवान ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा मुकाम हासिल किया. वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे रहे जिन्होंने क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए. हालांकि विरोध किसी अन्य प्रतिस्पर्धी द्वारा किया गया है जिसने एफ-52 के उनके क्लासिफिकेशन पर आपत्ति जताई है. विरोध का आधार अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि क्लासिफिकेशन की प्रक्रिया 22 अगस्त को पूरी हुई थी. हरियाणा के इस खिलाड़ी का इन खेलों में पदार्पण करते हुए यह प्रदर्शन एशियाई रिकार्ड है जिससे भारत को मौजूदा चरण में तीसरा पदक भी मिला. अक्षमता के आधार वर्गीकरण पैरा खिलाड़ियों को उनकी अक्षमता के आधार पर अलग-अलग वर्गों में रखा जाता है. क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को मुकाबला करने की इजाजत मिलती है जिनकी अक्षमता एक जैसी होती है. खेलों के आयोजकों के मुताबिक, ‘‘प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है. पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक रद्द कर दिया गया है.’’More Related News