'तानाशाही क्या होती है, इमरजेंसी ने उसका उदाहरण दिया था' ओम बिड़ला के प्रस्ताव के बीच मोदी का संदेश
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पीएम मोदी ने कहा- मैं प्रसन्न हूं कि सम्मानित अध्यक्ष ने इमरजेंसी की सख्ती से निंदा की है. उन्होंने इमरजेंसी के दौरान हुई ज्यादतियों की याद दिलाई
नई दिल्ली. 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाया गया था. इमरजेंसी की बरसी पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन में आपातकाल पर प्रस्ताव पढ़ा. उन्होंने कहा- ये सदन 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया. भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा. "भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के दिन को काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।" I am glad that the Honourable Speaker strongly condemned the Emergency, highlighted the excesses committed during that time and also mentioned the manner in which democracy was strangled. It was also a wonderful gesture to stand in silence in honour of all those who suffered…
सदन में 1975 में देश में आपात काल लगाए जाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निन्दा की। साथ ही उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना की जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध कर लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। — Narendra Modi (@narendramodi)
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