ताइवान से टेंशन के बीच समुद्र में चीन की मजबूत तैयारी, उतारे दो बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर
AajTak
चीन और ताइवान के बीच में जारी तनाव चरम पर पहुंच चुका है. स्थिति ऐसी बन गई है कि अब चीन अपने लड़ाकू विमान ताइवान के एयर स्पेस में भेज रहा है. ताइवान ने भी अपना मिसाइल सिस्टम एक्टिवेट कर लिया है.
चीन और ताइवान के बीच नई तनातनी का दौर शुरू हो चुका है. इस तनाव की स्क्रिप्ट लिखी गई है अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे से. नैंसी ने एक दौरे ने चीन और ताइवान को आमने-सामने खड़ा कर दिया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कई सालों बाद फिर चीन के लड़ाकू विमान ताइवान के एयर स्पेस में देखने को मिले हैं. इसके अलावा समुद्र में भी ताइवान को आइसोलेट करने के लिए चीन ने उसकी घेराबंदी शुरू कर दी है.
इस समय चीन के दो बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर Taiwan Strait के पास मौजूद हैं. एक है Shandong (CV-17) और दूसरा है Liaoning-001.
Shandong (CV-17)
Shandong (CV-17) की बात करें तो ये एक ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर है जो दूसरे शिपों के साथ चलता है. इस कैरियर में भारी मात्रा में विस्फोटक भी मौजूद रहते हैं. ज्यादातर ये कैरियर Type 075 वाले एसॉल्ट शिप के साथ ही देखा जाता है. ये एयरक्रॉफ्ट कैरियर साल 2017 में कमिशन हुआ था. एक बार में ये कैरियर 36 एयरक्राफ्ट लेकर चल सकता है. इसकी लंबाई 305m है.
Liaoning-001
चीन का Liaoning-001 एयरक्राफ्ट भी काफी अत्याधुनिक है. ये कम से कम 8 वॉरशिप के साथ मिलकर अपना स्ट्राइक ग्रुप बनाता है. इस एयरक्रॉफ्ट कैरियर का कमीशन 1988 में हुआ था. इसकी लंबाई 304 मीटर है. इस कैरियर पर एक बार में 40 एयरक्राफ्ट ले जाएं जा सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तेजी दिखाते हुए अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर मेक्सिको और कनाडा पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन वे 24 घंटे में ही पीछे हट गए. यहां सवाल अरबों डॉलर अमेरिकी बिजनेस का था. अगर अमेरिका इस टैरिफ पर कायम रहता तो उसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अरबों डॉलर की चोट लग सकती थी साथ ही अमेरिका में महंगाई भी बढ़ सकती थी. फिलहाल अमेरिका इस टैरिफ युद्ध से पीछे हट गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में टैरिफ नीति को लेकर बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं. मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ उनका सख्त रुख अब बदल चुका है, और उन्होंने इन देशों के नेताओं से बातचीत के बाद टैरिफ योजना को एक महीने के लिए टाल दिया है. इसी बीच, वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की तैयारी में हैं. यह बातचीत मंगलवार को फोन पर होनी है, लेकिन इसका एजेंडा अब तक साफ नहीं हुआ है.
अमेरिका ने 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने 15 लाख अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का ऐलान किया है, जिसमें 18,000 भारतीय भी शामिल हैं. अमेरिका में कुल 7,25,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों जैसे अवैध प्रवासियों की समस्या है, लेकिन उन्हें वापस भेजने में कई बाधाएं आती हैं. अमेरिका और भारत के बीच अवैध प्रवासियों से निपटने के तरीके में अंतर है.
अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप की सख्ती के बाद अमेरिका से 205 अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी हो रही है. अमेरिकी सेना का विमान आज भारत के लिए रवाना हुआ है. इसके भारत के अमृतसर में उतरने की संभावना है. ट्रंप प्रशासन के आने के बाद ये पहला विमान है जिसमें ऐसे भारतीय स्वदेश वापसी कर रहे हैं जो जिन्होंने अमेरिका में वैध तरीके से एंट्री नहीं ली थी.
डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर वापसी से वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल की संभावना. चीन, कनाडा और मेक्सिको पर बढ़े टैरिफ से टैरिफ वॉर का खतरा. भारत को भी 'टैरिफ किंग' कहने वाले ट्रंप की नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. भारत ने पहले ही विदेशी मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई. अमेरिका-भारत व्यापार में वृद्धि, लेकिन टैरिफ असंतुलन पर ट्रंप की नाराजगी जारी. व्यापार युद्ध से दोनों देशों की कंपनियों और उपभोक्ताओं को नुकसान की आशंका.