'डिजिटल पेमेंट पर न लगे कोई चार्ज', CTI ने वित्त मंत्री और RBI को लिखा पत्र
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ऑनलाइन पेमेंट पर शुल्क लगाने की तैयारियों को लेकर व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने आपत्ति जताई है. इसको लेकर वित्त मंत्री और आरबीआई को पत्र भी लिखा गया है. सीटीआई का मानना है कि डिजिटल पेमेंट पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगना चाहिए क्योंकि अब शहरों से लेकर गांवों में भी लोग यूपीआई के जरिए पेमेंट करने लगे हैं.
डिजिटल पेमेंट पर शुल्क लगाने की तैयारियों पर व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने आपत्ति जताई है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई को पत्र लिखा है.
CTI के मुताबिक, भारत सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है. बड़े शोरूम से लेकर सब्जी के ठेले पर भी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए उपभोक्ता पेमेंट करने लगे हैं. इस पर कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता है. मगर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब पेमेंट पर चार्ज लगाने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है. इस संबंध में पब्लिक से राय भी मांगी है. कोई भी नागरिक अपना विचार 3 अक्टूबर 2022 तक फॉर्म में भरकर या RBI की ऑफिशियल मेल एड्रेस पर भेज सकता है.
सीटीआई का मानना है कि डिजिटल पेमेंट पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर-शोर से 'डिजिटल इंडिया' कैंपेन के तहत ऑनलाइन पेमेंट मोड को अपनाने का कैंपेन चलाया. यह सुरक्षित होने के साथ आसान भी है. पीएम मोदी ने खुद 'BHIM' ऐप लॉन्च किया. कई कंपनी गूगल पे, पेटीएम, फोन पे ने यूपीआई सर्विस शुरू की. धीरे-धीरे इसका चलन बढ़ा है. अब किसी को बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं. कैश के लिए एटीएम की लाइन में नहीं लगना पड़ता है. खरीददारी के अधिकतर केस में यूपीआई के जरिए भुगतान हो जाता है.
गांवों में भी बढ़ा यूपीआई पेमेंट
CTI चेयरमैन ने कहा कि अब शहरों से लेकर गांवों में भी लोग यूपीआई के जरिए पेमेंट करने लगे हैं. किसी को जेब में पैसा लेकर जाने की जरूरत नहीं है. ऐसे वक्त में यदि इस पर शुल्क लगेगा, तो ये डिजिटल पेमेंट मोड पर कुठाराघात होगा. लोगों को परेशानी होगी. फिर से बैंकों और एटीएम की लाइन में लगना पड़ेगा. बाजारों में जेब कटने की घटनाएं बढ़ेंगी.
ट्रांजेक्शन पर चार्ज से होगा नुकसान
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