ट्रंप को खुश करने के लिए US के साथ ये बड़ी डील करेगा ताइवान! देखता रह जाएगा चीन
AajTak
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर सत्ता हासिल कर ली है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत से ताइवान की आशाएं थोड़ा बढ़ गई हैं. उन्हें उम्मीद है कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका से हथियारों की अच्छी डील हो सकती हैं. ऐसे में ट्रंप को खुश करने के लिए ताइवान एक बड़े डिफेंस पैकेज को लेकर अमेरिका से बात कर सकता है.
अमेरिका चुनाव में सत्ता पलट गई है. अब डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति होंगे. अमेरिकी राजनीति में आए बदलाव का असर दूसरे देशों के साथ संबंधों पर भी देखने को मिलेगा. ट्रंप के पिछले कार्यकाल में जिन देशों को ज्यादा तवज्जो दी गई, वह देश एक बार फिर उसी उम्मीद पर टिके हुए हैं. ताइवान का हाल भी कुछ ऐसा ही है जो फिलहाल अमेरिका के साथ बड़ी डिफेंस डील करके ट्रंप को खुश करना चाहता है.
हालांकि, चीन ऐसा बिल्कुल नहीं होने देना चाहता है लेकिन अगर दूसरे कार्यकाल में ट्रंप का झुकाव ताइवान की ओर ज्यादा रहा तो यह उसके लिए चिंता की स्थिति जरूर हो सकती है. दूसरी ओर, ताइवान सरकार के उच्च अधिकारी तो दबे मुंह बड़ी डिफेंस डील की बात कर रहे हैं लेकिन सरकार आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने से बचती हुई नजर आ रही है.
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते की प्रवक्ता कैरिन कुओं ने यह तो पुष्टि करते हुए नहीं बताया कि ट्रंप की टीम और ताइवान के उच्च अधिकारी किसी रक्षा पैकेज पर बातचीत कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि ताइवान व आसपास के क्षेत्र में चीन की ओर से लगातार बढ़ते सैन्य खतरे का सामना करते हुए, हम और आसपास के अन्य देश अपनी सुरक्षा को लगातार मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
दूसरी ओर, ट्रंप की टीम की ओर से इस बात पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी गई. हालांकि, अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास ने प्रतिक्रिया जरूर दी. चीनी दूतावास की ओर से कहा गया कि अमेरिका को ताइवान को हथियार बेचना बंद कर देना चाहिए.
अमेरिका से कौन से हथियार या उपकरण चाहता है ताइवान ताइवान की इस स्थिति पर नजर रख रहे कुछ लोगों का मानना है कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद ताइवान अमेरिका से लॉकहीड मार्टिन जहाज और एक एयरबोर्न रडार सिस्टम (नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ई-2डी एडवांस्ड हॉक आई) की मांग कर सकता है. इसके साथ ही ताइवान कुछ मिसाइल और एफ-35 फाइटर जेट्स के लिए भी बात कर सकता है.
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रह चुके एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ताइवान एक ऐसे पैकेज के बारे में सोच रहा है जो यह दर्शा सके कि वह इस मामले में गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि अगर वह ऐसा करते हैं, तो जब उनका नाम सामने आएगा तो वह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पास जाएंगे और अमेरिकी हथियारों का एक बहुत ही बड़ा पैकेज पेश करेंगे.
दक्षिण अमेरिकी देश चिली वैसे तो ईसाई-बहुल देश रहा है, लेकिन अब वहां एक विवादास्पद धार्मिक मान्यता तेजी से फैल रही है. Temple of Satan नाम का धार्मिक संगठन चिली सरकार से आधिकारिक मान्यता चाह रहा है. टेंपल ऑफ सैटन के मानने वाले काली मोमबत्तियां जलाते और कई ऐसी रस्में करते हैं जो मौजूदा धर्मों से अलग हैं. कुछ सालों पहले अमेरिका में भी सैटानिक टेंपल पर विवाद हुआ था. आइए जानते हैं क्या है ये नया धर्म और इसपर क्यों है विवाद?
प्रॉसिक्यूटर्स ने रविवार को मर्चन को ईमेल के माध्यम से इस कार्यवाही को टालने का अनुरोध किया था, जिसमें ट्रंप की 5 नवंबर को हुई राष्ट्रपति चुनावी जीत और जनवरी 2025 में उनके शपथ ग्रहण का हवाला दिया गया था. प्रॉसिक्यूटर्स ने इसे 'अभूतपूर्व परिस्थितियां' बताया. जवाब में, जज मर्चन ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और मामले की सभी कार्यवाही 19 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.