अमेरिका में क्या स्पेशल करने जा रहे हैं एलॉन मस्क और विवेक, क्या है DOGE जिसे ट्रंप ने बताया द मैनहट्टन प्रोजेक्ट
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि ट्रंप ने कहा कि मस्क और रामास्वामी ब्यूरोक्रेसी में बदलाव करेंगे जिससे सभी अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी और बेहतर होगी. सरकार के 6.5 ट्रिलियन डॉलर की धनराशि के अनावश्यक खर्च और धोखाधड़ी को रोका जाएगा.
टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क और भारतवंशी विवेक रामास्वामी को डोनाल्ड ट्रंप सरकार में एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. दोनों को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) की अगुवाई करने को कहा गया है. यह विभाग ब्यूरोक्रेसी को क्लीन करने का काम करेगा. लेकिन यह क्लीनिंग प्रोसेस किस तरह का होगा और कहां-कहां होगा?
ट्रंप ने इस डिपार्टमेंट को इस समय का द मैनहट्टन प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इससे चार जुलाई 2026 तक पूरी संघीय ब्यूरोक्रेसी में व्यापक बदलाव आएंगे. उन्होंने कहा कि इस सरकार में धरातल पर काम अधिक होगा और नौकरशाही कम होगी. यह देश की आजादी की 250वीं वर्षगांठ पर अमेरिका के लिए बेशकीमती तोहफा होगा. मुझे यकीन हैं कि ये दोनों इसमें पूरी तरह से कामयाब होंगे.
ट्रंप ने कहा कि मस्क और रामास्वामी ब्यूरोक्रेसी में बदलाव करेंगे जिससे सभी अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी और बेहतर होगी. सरकार के 6.5 ट्रिलियन डॉलर की धनराशि के अनावश्यक खर्च और धोखाधड़ी को रोका जाएगा. द मैनहटन प्रोजेक्ट दरअसल अमेरिकी सरकार का वो प्रोजेक्ट था, जिसके तहत अमेरिका ने परमाणु बम तैयार किया था.
क्या होगा DOGE के एजेंडे में?
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो देश में व्यापक बदलाव होंगे. इन बदलावों के लिए उन्होंने इस खास टीम में एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी को शामिल किया है, जिनके एजेंडे में कई काम हैं, जिन्हें अमलीजामा पहनाया जाना है.
ब्यूरोक्रेसी कम कामकाज ज्यादा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं. रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जबरदस्त जीत हासिल की है. ट्रंप की जीत से उनके समर्थकों में खुशी है तो विपक्षी नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक निराश हैं. इस बीच, अमेरिका की एक क्रूज शिप कंपनी ने ट्रंप की जीत से निराश लोगों को 4 साल के लिए 'स्किप फॉरवर्ड' का ऑफर दिया है. अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का होता है.
एलन मस्क कई बार कह चुके कि उनके पास अपना कोई घर नहीं, बल्कि वे अपने किसी दोस्त या परिचित के घर रात बिताते हैं. फिलहाल अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप का घर उनका ठिकाना है. वे फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो के एक कमरे में ठहरे हुए हैं. मस्क अकेले नहीं, बहुत से बेहद अमीर लोग अपना घर लेने से बचते रहे, या फिर घर बनाया भी तो आम लोगों की तरह.
दक्षिण अमेरिकी देश चिली वैसे तो ईसाई-बहुल देश रहा है, लेकिन अब वहां एक विवादास्पद धार्मिक मान्यता तेजी से फैल रही है. Temple of Satan नाम का धार्मिक संगठन चिली सरकार से आधिकारिक मान्यता चाह रहा है. टेंपल ऑफ सैटन के मानने वाले काली मोमबत्तियां जलाते और कई ऐसी रस्में करते हैं जो मौजूदा धर्मों से अलग हैं. कुछ सालों पहले अमेरिका में भी सैटानिक टेंपल पर विवाद हुआ था. आइए जानते हैं क्या है ये नया धर्म और इसपर क्यों है विवाद?
प्रॉसिक्यूटर्स ने रविवार को मर्चन को ईमेल के माध्यम से इस कार्यवाही को टालने का अनुरोध किया था, जिसमें ट्रंप की 5 नवंबर को हुई राष्ट्रपति चुनावी जीत और जनवरी 2025 में उनके शपथ ग्रहण का हवाला दिया गया था. प्रॉसिक्यूटर्स ने इसे 'अभूतपूर्व परिस्थितियां' बताया. जवाब में, जज मर्चन ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और मामले की सभी कार्यवाही 19 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.