
ट्रंप का ड्रीम प्रोजेक्ट है अखंड अमेरिका! क्या है इस प्लान की इनसाइड स्टोरी
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चुनाव के समय से ही ट्रंप का नारा है MAGA यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए उसका विस्तार जरूरी है. इसके लिए ट्रंप ने सबसे पहले पड़ोसी देश कनाडा को चुना. सवाल है कनाडा ही क्यों?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को पद की शपथ लेने जा रहे हैं. लेकिन आधिकारिक तौर पर देश की बागडोर संभालने से पहले ही वह कथित 'अखंड अमेरिका' प्लान में जुट गए हैं. इसके लिए वह कनाडा, ग्रीनलैंड, पनामा नहर और गल्फ ऑफ मेक्सिको को शॉर्टलिस्ट भी कर चुके हैं.
चुनाव के समय से ही ट्रंप का नारा है MAGA यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए उसका विस्तार जरूरी है. इसके लिए ट्रंप ने सबसे पहले पड़ोसी देश कनाडा को चुना. सवाल है कनाडा ही क्यों?
कनाडा और अमेरिका की सीमाएं सटी हुई हैं. ट्रंप का आरोप है कि कनाडा की सीमा से होते हुए अवैध प्रवासी अमेरिका में घुसते हैं और यहां अपराध बढ़ाते हैं. इससे अमेरिकी संसाधनों पर भी दबाव बढ़ा है. बेरोजगारी बढ़ी है और साथ ही असुरक्षा बढ़ी है.
दूसरा बड़ा कारण खालिस्तानियों को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का वैश्विक स्तर पर कमजोर पड़ना भी है. यही वजह है ट्रंप ने सोच-समझकर कनाडा को अमेरिका के 51वें स्टेट के तौर पर प्रोजेक्ट करना शुरू किया. उन्होंने इसकी शुरुआत उस समय की, जब ट्रूडो अमेरिका पहुंचे थे. इस दौरान ट्रंप ने मजाक-मजाक में ट्रूडो को गवर्नर और कनाडा को अमेरिका का 51वां स्टेट बनाने की बात कह डाली.
उनकी लिस्ट में दूसरा नाम पनामा का है. वह पनामा नहर पर अमेरिकी प्रभुत्व चाहते हैं. लेकिन पनामा नहर क्यों? क्योंकि पनामा नहर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीपों को जोड़ती है. यह नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागर के बीच जरूरी ट्रेड रूट भी है. 1977 तक इस नहर का नियंत्रण अमेरिका के पास ही था. लेकिन 1977 में एक संधि हुई, जिसमें तय किया गया कि 1997 तक अमेरिका इस नहर का नियंत्रण पनामा को दे देगा, बस जरूरत पड़ने पर नहर की सुरक्षा के लिए अपने सैनिक भेज सकेगा. लेकिन अब ट्रंप ने इस संधि को बकवास बताया है. उनका कहना है कि पनामा नहर में चीन के जहाजों की संख्या बढ़ती जा रही है और साथ ही साथ पनामा अमेरिकी जहाजों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगा रहा है. ऐसे में अमेरिका की सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए इसका नियंत्रण वापस लेना जरूरी है.
ट्रंप की हिटलिस्ट में तीसरा नाम ग्रीनलेंड का है. ट्रंप का कहना है कि ग्रीनलैंड का अमेरिका में शामिल होना बहुत जरूरी है और अगर डेनमार्क ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल नहीं होने देता है, तो वो उसके ऊपर भारी टैरिफ लगाएगा. इतिहास में जाएं तो ग्रीनलैंड डेनमार्क का उपनिवेश था. 1953 में इसे आजादी मिली. लेकिन यह आजादी पूरी आजादी नहीं थी. ग्रीनलैंड डेनमार्क का ही हिस्सा रहा, लेकिन इसे अपना शासन चलाने की आजादी दी गई.

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