'ज्योतिषी' जया बच्चन: जिन्होंने की थी हिंदी सिनेमा को बदलने वाली 5 ऐतिहासिक घटनाओं की भविष्यवाणी!
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भारत की जनता जया बच्चन के कई अवतार देख चुकी हैं. उनकी एक्टिंग परफॉरमेंस से आइकॉनिक बनी फिल्मों की एक लंबी लिस्ट तो है ही, मगर राजनीति में आने के बाद से पिछले कई सालों में देश उन्हें संसद में भी देख रहा है. मगर उनकी एक साइड ऐसी है जिसके बारे में लोग कम ही जानते हैं.
इंडियन सिनेमा को हमेशा के लिए बदल के रख देने वाली, देश की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक 'शोले' का आईडिया तैयार हो चुका था. प्रोड्यूसर जी. पी. सिप्पी के बेटे रमेश सिप्पी, 'सीता और गीता' की शानदार कामयाबी के बाद अपनी मल्टीस्टारर फिल्म के लिए एक्टर्स फाइनल करने में लगे थे. और इसी बीच उनके घर पर एक पार्टी चल रही थी. इस रोल को पाने की आस में एक एक्टर अमिताभ बच्चन भी इस पार्टी में पहुंचा था.
ये पार्टी साल 1973 की एक सर्द रात में हो रही थी और अमिताभ को पहले से ही 102 बुखार था. तारीखें बताती हैं कि तब 'जंजीर' रिलीज नहीं हुई थी, लेकिन फिल्म के राइटर्स सलीम-जावेद ने रमेश सिप्पी के सामने अमिताभ के नाम पर अपना भरोसा जताया था. 'शोले: द मेकिंग ऑफ अ क्लासिक' किताब में दर्ज किस्सा बताता है कि फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर इस बात के खिलाफ थे कि सिप्पी अपनी फिल्म में अमिताभ को कास्ट करें. क्योंकि 'वो पतले थे, दब्बू से दिखते थे और करिश्माई नहीं लगते थे.'
मगर अपनी पहली फिल्म में, इसी 'पतले-लंबे आदमी' के होने की बात से एक लड़की 'सीक्रेटली' बहुत खुश थी. उसका मानना था कि ये एक्टर 'डिफरेंट है और एक ऐसी फिल्म के लिए परफेक्ट होगा जो हीरो-हिरोइन के नॉर्मल रोमांटिक सब्जेक्ट से हटकर है'. और वो लड़की थीं जया भादुड़ी, जो अब जया बच्चन हैं. उन्हें 'सात हिंदुस्तानी' देखने के बाद से ही यकीन था कि ये अमिताभ बच्चन एक्टर अच्छे हैं और समय आने पर इनका नाम खूब चमकेगा.
सिर्फ 15 साल की उम्र में सत्यजित रे की फिल्म 'महानगर' (1963) में काम कर चुकीं जया को अपने पिता, जाने-माने जर्नलिस्ट तरुण कुमार भादुड़ी से पता चला था कि एक्टिंग सीखी भी जा सकती है. पुणे के 'फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट' (FTII) में वो यही करने आई थीं. पास आउट होते-होते कई बड़े फिल्ममेकर्स के लिए ऑडिशन देने के बाद, जया को ऋषिकेश मुखर्जी की 'गुड्डी' (1971) में काम मिल गया था.
फिल्म में एक ऐसा रोल था जिसके लिए थोड़े कम पॉपुलर एक्टर अमिताभ बच्चन को भी चुना गया था. लेकिन तबतक 'आनंद' रिलीज हो गई और अमिताभ को लोग पहचानने लगे, तो उनके हाथ से 'गुड्डी' निकल गई. जया की भविष्यवाणी सिर्फ अमिताभ के मामले में ही सच साबित नहीं हुई, बल्कि उन्होंने कई और मौकों पर ऐसी बातें कहीं, जो बाद में सच हुईं. और इतने अच्छे तरीके से, मानो जया बच्चन सच में कोई पहुंची हुई 'ज्योतिष' हों और पहले से सब देख चुकी हों. आइए बताते हैं वो बातें जो जया बच्चन ने कहीं और उनका सच होना सिनेमा फैन्स के लिए बहुत अच्छा रहा:
'वो एक दिन इंडस्ट्री पर राज करेगा' 'गुड्डी' रिलीज हुई और तारीफ पाने के साथ-साथ हिट भी रही. जया पॉपुलर हो गईं. अब वो ऋषिकेश मुखर्जी की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक 'बावर्ची' (1972) के लिए, उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ शूट कर रही थीं. अमिताभ के हाथ से 'गुड्डी' तो निकल गई, लेकिन उन्होंने जया को कहीं नहीं जाने दिया और दोनों अब अक्सर मिलने लगे थे. 'बावर्ची' के सेट पर भी अमिताभ अपने दोस्तों के साथ आ जाया करते थे.
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