जिस उम्र में बच्चे खेलते हैं मैंने पैसे कमाना सीख लिया था, बोले विवेक ओबेरॉय, जानें कैसे
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विवेक ने बताया कि जब वो 10 साल के थे तो उनके पिता उन्हें मर्चेन्डाइज लाकर देते थे और उन्हें बेचने का काम देते थे. विवेक प्रॉफिट अपने पास रख सकते थे, लेकिन उन्हें पिता को सप्लाई की कीमत देनी पड़ती थी. इस तरह उन्होंने एकाउंट्स मेंटेन करना सीखा.
विवेक ओबेरॉय ने 2002 में फिल्म 'कंपनी' से बॉलीवुड डेब्यू किया था. करियर की शुरुआत में ही 'रोड', 'युवा' और 'दम' जैसी फिल्में कर चुके विवेक को बॉलीवुड का अगला बड़ा स्टार माना जा रहा था. लेकिन पिछले 10 साल में विवेक मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फिल्मों से दूर होते चले गए. आजकल विवेक एक एक्टर से ज्यादा एक आंत्रप्रेन्योर के तौर पर एक्टिव हैं.
अब एक नए इंटरव्यू में विवेक ने बताया है कि जब उनकी उम्र 10 साल थी वो तभी से एक बिजनेसमैन बन चुके थे और इसमें उनके पिता का बड़ा रोल था. बता दें, विवेक के पिता सुरेश ओबेरॉय भी एक पॉपुलर एक्टर थे और उन्होंने कई यादगार बॉलीवुड फिल्मों में महत्वपूर्ण किरदार निभाए. विवेक ने बताया कि कैसे 10 साल की उम्र से ही उनके पिता ने उन्हें बिजनेसमैन बनने की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी.
पिता ने विवेक को दी बिजनेस की ट्रेनिंग आजतक के साथ एक इंटरव्यू में विवेक ने बताया कि जब वो 10 साल के थे तो उनके पिता उन्हें मर्चेन्डाइज लाकर देते थे और उन्हें बेचने का काम देते थे. विवेक प्रॉफिट अपने पास रख सकते थे, लेकिन उन्हें पिता को सप्लाई की कीमत देनी पड़ती थी. इस तरह उन्होंने एकाउंट्स मेंटेन करना सीखा. विवेक को ये ट्रेनिंग गर्मियों की छुट्टी में मिलती थी.
विवेक ने बताया, 'जिस दिन स्कूल खत्म होता था, अगले दिन मेरे पिता मुझे कुछ प्रोडक्ट्स लाकर दे देते थे. वो इलेक्ट्रॉनिक्स, परफ्यूम, अलग-अलग तरह की चीजें होती थीं. वो कहते थे कि ये सारे मर्चेन्डाइज 2000 रुपये के हैं. इससे तुम कितना निकाल सकते हो? अगर मैं उसमें से 1000 रुपये की चीजें लेता था, तो इससे ऊपर मैं जो भी कमाता था, वो मेरा होता था और मैं 1000 रुपये उन्हें वापस कर देता था. तब मैं 10 साल का था.'
बाकी बच्चों ने खेला क्रिकेट, विवेक ने सीखा बिजनेस विवेक ने बताया कि उन्हें उसी उम्र से पता है कि अकाउंट्स कैसे मेन्टेन करते हैं. उन्होंने आगे बताया, 'अगर तुम अपनी साइकिल बेचोगे तो कितने पैसे बचाओगे? अगर तुम ऑटो लोगे तो कितना खर्च करोगे? तो मुझे इन चीजों की समझ थी, जो हर साल बढ़ती थी. जबतक मैं 15-16 साल का नहीं हो गया, मेरे पिता मुझसे हर साल ये चीजें करवाते थे.
विवेक ने बताया कि उनकी उम्र के बच्चे ज्यादातर सारा टाइम क्रिकेट खेलने में लगा देते थे. लेकिन उन्होंने सीखा कि पैसे कैसे कमाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि 'मेरे पिता की वजह से ही ये सारी कैरेक्टर बिल्डिंग हुई.' विवेक ने आगे कहा, '15 साल की उम्र के बाद से, मैंने अपने पिता से आशीर्वाद के अलावा कुछ नहीं लिया.' विवेक अब जल्द ही 'मस्ती 4' में बड़े पर्दे पर नजर आएंगे.