'जासूसी गुब्बारे' के बाद अमेरिकी आसमान में दिखा नया फ्लाइंग ऑब्जेक्ट, US के फाइटर जेट ने मार गिराया
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चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के बाद अमेरिका के आसमान में एक और फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखा गया, जिसे अमेरिका के फाइटर जेट ने मार गिराया. अमेरिकी मीडिया आउटलेट न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस ऑब्जेक्ट को अलास्का के तट के निकट मार गिराया गया है.
चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के बाद अमेरिका के आसमान में एक और फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखा गया, जिसे अमेरिका के फाइटर जेट ने मार गिराया. अमेरिकी मीडिया आउटलेट न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस ऑब्जेक्ट को अलास्का के तट के निकट मार गिराया गया है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक अमेरिका के अलास्का में 40 हजार फीट की ऊंचाई पर एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखा गया. इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस ऑब्जेक्ट को गिराने का आदेश दिया. उनका आदेश मिलने के बाद पेंटागन ने फाइटर जेट की मदद से उसे मार गिराया. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट एक गुब्बारा था या कुछ और. इस बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को शूट भारतीय समय मुताबिक शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे (1930 GMT) पर किया गया. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक यह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट एक छोटी कार के आकार का था. जॉन किर्बी ने बताया कि मलबे को निकालने की कोशिश शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट 'जासूसी गुब्बारे' की तुलना में बहुत छोटा था.
हाल ही में अमेरिका ने चीन के उस 'जासूसी गुब्बारे' को मार गिराया था, जो करीब एक हफ्ते तक अमेरिका के कई राज्यों के आसमान में देखा गया था. अमेरिका के अलावा उसे कनाडा और लैटिन अमेरिका के एयरस्पेस में भी देखा गया था, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया था. अमेरिकी राज्य मोंटाना के ऊपर देखे गए बैलून का आकार तीन बसों के बराबर था.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इस स्पाई बैलून से लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है. लेकिन फिर भी बीते कुछ दिनों से अमेरिकी वायुक्षेत्र में देखे जा रहे इस बैलून को ट्रैक किया जा रहा था. अमेरिकी सैन्य विमानों के जरिए भी इस पर नजर रखी जा रही थी, और बाद में उसे राष्ट्रपति जो बाइडेन का आदेश मिलने के बाद शूट कर दिया गया था.
जिस मोटांना क्षेत्र में चीन का जासूसी गुब्बारा उड़ रहा था, वहां पर अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है. अमेरिकी सेना को शक था कि वो जासूसी गुब्बारा उन संवेदनशील इलाकों की ओर से गुजरेगा और कई जरूरी जानकारी चीन तक पहुंचाएगा. लेकिन क्योंकि उस गुब्बारे का आकार काफी बड़ा था, मलबा नीचे गिरने का भी डर था, इसलिए इसे गिराने का फैसला काफी लेट किया गया.
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