जया किशोरी-अभिनव अरोड़ा को ट्रोल करने से पहले उनकी गलती भी जान लीजिए |Opinion
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जया किशोरी और अभिनव आरोड़ा हिंदू धर्म का एक तरह से प्रचार ही करते हैं. लेकिन, अचानक ऐसा क्या हो गया कि वे लिबरल्स ही नहीं बल्कि हिंदू कट्टरपंथियों तक की आंखों की किरकिरी बन गए हैं?
सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक में हिंदू धर्म से जु़ड़े दो किरदारों के पीछे कुछ लोग हाथ धोकर पड़े हैं. इनमें से एक हैं कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी और दूसरे हैं मात्र 10 साल की उम्र वाले अभिनव आरोड़ा. इनका विरोध करने वालों में अधिकतर वो लोग हैं जो खुद को हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में प्रोजेक्ट करते हैं. मजेदार यह है कि तथाकथित लिबरल्स और वामपंथी भी इस मामले में उनके साथ हैं जो मजे भी ले रहे हैं. मामला सिर्फ इतना है कि जया किशोरी ने महंगे लेदर से बने हैंडबैग को क्यों धारण किया. जया किशोरी ने इस बाबत सफाई भी दी कि उनका बैग लेदर का नहीं है फिर भी ट्राल करने वाले कहां सुनते हैं? जया ने बताया भी कि ये कस्टमाइज बैग है, इसलिए उस पर उनका नाम भी लिखा है. पर कोई भी सुनने को तैयार नहीं दिखता है.
दूसरी शख्सियत जिनके पीछे पब्लिक पड़ गई है वह हैं अभिनव अरोड़ा. बाल्यावस्था में ही कथावाचक बनने वाले अभिनव अरोड़ा की उम्र अभी मात्र 10 वर्ष ही है. वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. सोशल मीडिया पर अभिनव के लाखों फॉलोअर्स हैं. अभिनव भक्ति व संगीत में डूबे ईश्वरीय भजनों पर डांस करते हुए भी यूट्यूब पर दिखाई देते हैं. वे इस बात का दावा करते हैं कि भगवान कृष्ण और राधा के अनन्य भक्तों में से वे एक हैं. इसके अलावा अभिनव इस बात का भी दावा करते हैं कि वो श्रीकृष्ण भगवान के बड़े भाई बलराम का अवतार हैं.
जया किशोरी आजकल अकसर टार्गेट बन जा रही हैं
जया किशोरी पिछले 5 सालों से लगातार सोशल मीडिया पर छायी हुईं हैं. पहले वो हरियाणवी में भजन गातीं थीं. उसके बाद उन्होंने कथा सुनाना शुरू किया. उनकी मोटिवेशनल बातें बहुत पसंद की जाती हैं.उनके प्रशंसकों में बच्चे , युवा , बुजुर्ग सभी शामिल हैं. बहुत कम उम्र में उन्होंने इतनी लोकप्रियता प्राप्त कर ली है बहुत संतों को भी ईर्श्या हो सकती है. जया किशोरी ने दावा करती हैं कि उन्होंने कभी अपनी कथा या प्रवचन के दौरान लोगों को मोहमाया से दूर होने की नसीहत नहीं दी. इसके अलावा जया किशोरी ने ये भी कहा कि मैं कोई संत, साधु या साध्वी नहीं, एक सामान्य लड़की हूं और पूर्ण रूप से गृहस्थ जीवन को जीना चाहती हूं.
पर इस मशहूर कथावाचक का समय आजकल ठीक नहीं चल रहा है. कुछ दिनों से उनके पीछे लगातार तथाकथित हिंदू धर्म के ठेकेदार पड़े हुए हैं. इसके चलते कई बार ऐसा लगता है कि कहीं उनसे जलने वाले जानबूझकर तो ऐसा नहीं कर रहे हैं. क्योंकि कभी माहवारी से संबंधित उनकी बात पर तो कभी शादी विवाह या मोर-मोरनी के सहवास आदि विषयों पर उनको टार्गेट कर लिया जाता है. या तो कुछ लोग उनसे जल रहे हैं या उनके माध्यम से सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं.
क्या जया किशोरी की यही गलती है?
इस वर्ष की दीपावली अयोध्या में प्रभु श्रीराम के साथ मनाई गई है. 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, श्रीराम अपनी जन्मभूमि पर विराजमान हुए हैं. इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर आम लोगों के लिए दर्शनों के लिए खुल गया है. यह पहली दीपावली है जब श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं. इस दीपावली का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ गया है और इसे श्री रामोत्सव की तरह मनाया जा रहा है. यह दीपावली श्री राम की स्तुति वाली है और गर्भगृह से उनके दर्शनों वाली है.