अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय का निधन, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन थे
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देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का 69 साल की उम्र में निधन हो गया. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये अपना अहम योगदान के लिए पहचाने जाने वाले देबरॉय ने देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में मुख्य भूमिका निभाई.
देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का 69 साल की उम्र में निधन हो गया. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये अपना अहम योगदान के लिए पहचाने जाने वाले देबरॉय ने देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में मुख्य भूमिका निभाई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देबरॉय के निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने कहा,'मैं डॉ. देबरॉय को कई सालों से जानता हूं. मैं उनकी अंतर्दृष्टि और अकादमिक चर्चा के प्रति उनके जुनून को हमेशा याद रखूंगा. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.'
पीएम मोदी ने आगे कहा,'डॉ. बिबेक देबरॉय एक महान विद्वान थे. वह अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य कई क्षेत्रों में पारंगत थे. अपने कामों के जरिए उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है. सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करना और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाना बहुत पसंद था.'
जयराम रमेश ने भी जताया दुख
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी बिबेक देबरॉय के निधन पर दुख जाहिर किया है. जयराम ने सोशल मीडिया पर लिखा,'बिबेक देबरॉय सबसे पहले और सबसे अहम सैद्धांतिक और अनुभवी अर्थशास्त्री थे. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं पर काम किया और लिखा. उनके पास स्पष्ट व्याख्या करने का एक विशेष कौशल भी था, जिससे आम लोग जटिल आर्थिक मुद्दों को आसानी से समझ सकें. कई सालों से उनके पास कई संस्थागत जुड़ाव थे, उन्होंने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है.'
इस वर्ष की दीपावली अयोध्या में प्रभु श्रीराम के साथ मनाई गई है. 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, श्रीराम अपनी जन्मभूमि पर विराजमान हुए हैं. इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर आम लोगों के लिए दर्शनों के लिए खुल गया है. यह पहली दीपावली है जब श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं. इस दीपावली का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ गया है और इसे श्री रामोत्सव की तरह मनाया जा रहा है. यह दीपावली श्री राम की स्तुति वाली है और गर्भगृह से उनके दर्शनों वाली है.