जम्मू-कश्मीर में अब नहीं होगा “दरबार मूव’’, 200 करोड़ का होगा सीधा फायदा
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श्रीनगर में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड को देखते हुए जम्मू-कश्मीर की राजधानी ठंडी और गर्मी में बदल जाती है. इस निजाम को महाराज गुलाब सिंह ने 1872 में शुरू किया था.
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में अब साल में दो बार राजधानी का एक शहर से दूसरे शहर जाने का सिलसिला यानी “दरबार मूव’’ का निजाम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. 149 सालों से चले आ रहे इस रिवाज को सरकार ने बंद कर दिया है. उपराज्यपाल ने 20 जून को ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से ई-ऑफिस निजाम अपना चुका है, और इस तरह साल में दो बार ‘दरबार स्थानांतरण’ करने का रिवाज खत्म हो गया है. उन्होंने कहा था, “अब जम्मू और श्रीनगर के दोनों सचिवालय 12 महीने मामूल तौर पर काम कर सकते हैं. इससे सरकार को हर साल 200 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका इस्तेमाल महरूम तबके फलाहो बहबूद के लिए किया जाएगा. Jammu and Kashmir administration cancels residential accommodation of 'darbar move' employees. In view of the COVID situation, UT administration had taken the decision to defer the Darbar move. The Secretariat to function in both Srinagar & Jammu.More Related News
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