
जब शेर-चीतों से भिड़े बॉलीवुड स्टार... धर्मेन्द्र से लेकर करिश्मा कपूर, पंकज त्रिपाठी तक ने शूट किए रिस्क भरे सीन
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भारत की भूमि पर 74 साल बाद Cheetah Return हो रहा है. नामीबिया से 8 चीते आज मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंच रहे हैं. पर आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ ऐसी कहानियां, जहां हमारे बॉलीवुड स्टार शेर-चीतों के साथ नजर आए. इस लिस्ट में धर्मेन्द्र से लेकर करिश्मा कपूर और पंकज त्रिपाठी तक का नाम शामिल है.
'चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते' या 'सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है'... ये वो डायलॉग्स हैं, जो हमारी बॉलीवुड फिल्मों में शेर-चीते जैसे जंगली जानवरों की अहमियत दिखाते हैं. इन डॉयलॉग्स से ना सिर्फ इन्हें बोलने वाले किरदारों में जान आ गई, बल्कि ये हमेशा के लिए लोगों के दिलो-दिमाग में भी छप गए.
बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जहां हमारे एक्टर्स स्क्रीन पर चीते से लेकर शेर, बाघ और तेंदुए जैसे खूंखार माने गए जंगली जानवरों के साथ दिखे. जहां नए जमाने में ये कमाल कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से हुआ, वहीं बीते दौर में तो एक्टर्स ने रियल शेर-चीतों के साथ बड़ी लड़ाई लड़ी. अगर आपने हाल ही में आईं अक्षय कुमार की 'पृथ्वीराज' या एसएस राजामौलि की 'RRR' देखी होगी, तो आपको पता होगा कि इनमें जंगली जानवरों के साथ अहम फाइटिंग सीन थे.
धर्मेन्द्र यूं ही नहीं बने He-Man
शेर-चीतों की बात हो और धर्मेन्द्र का नाम ना आए, ये थोड़ा बेमानी होगा. बॉलीवुड के He-Man यानी धर्मेन्द्र के करियर में कई ऐसी फिल्में रही हैं जहां वो शेर, चीता, बाघ और तेंदुआ के साथ फाइटिंग सीन कर रहे हैं. 1968 में आई 'आंखें' को याद कीजिए. धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की इस फिल्म में धर्मेन्द्र का बाघ के साथ एक जबरदस्त फाइटिंग सीन था. और क्या आपको पता है कि इस फिल्म के डायरेक्टर रामानंद सागर थे, वहीं जिन्होंने 'रामायण' और 'श्रीकृष्णा' जैसे टीवी शोज बनाए.
इतना ही नहीं, धर्मेन्द्र की एक फिल्म 1976 में आई, नाम था 'मां'. इस फिल्म में तेंदुए, बाघ और शेर के साथ उनके कई फाइटिंग सीन हैं. फिर 1978 में आई 'आजाद' और 1979 में 'कर्तव्य' में भी धर्मेन्द्र हीरो बने और जंगल के शिकारी यानी बाघ के साथ दो-दो हाथ करते नजर आए. 'कर्तव्य' फिल्म का किस्सा तो ऐसा है कि जिस चीते के साथ धर्मेन्द्र का फाइट सीन होना था, उसने पालतू होने के बावजूद, उन पर हमला कर दिया था, क्योंकि वो सेट पर मौजूद लाइट से घबरा जाता था.
वैसे धर्मेन्द्र की एक और फिल्म थी 1977 में आई 'धरम वीर', लेकिन इस फिल्म में उन्होंने नहीं, बल्कि उनके पिता का किरदार निभाने वाले एक्टर प्राण ने बाघ के साथ एक फाइटिंग सीन किया था.

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