'जब थरूर जैसे कपड़े पहनते थे खड़गे', Photos पर कांग्रेस MP बोले- जानें कहां गए वो दिन
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कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6,825 वोट से मात दी. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए 6ठी बार चुनाव हुए थे जिसके नतीजे बुधवार को आए. इस बीच खड़गे की पुरानी तस्वीरें सामने आई हैं.
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार नया अध्यक्ष मिल गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस रेस में अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार शशि थरूर को 6,825 वोट से मात दी. खड़गे को 7897 वोट मिले. वहीं, शशि थरूर के खाते में 1072 वोट आए. इसी के साथ कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला. इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए 6ठी बार चुनाव हुए हैं.
इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे की पुरानी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें कहा गया है पहले वह भी शशि थरूर जैसे कपड़े पहना करते थे. वहीं इस तस्वीरों पर कांग्रेस सांसद ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जानें कहां गए वो दिन'. दरअसल, एक पत्रकार ने खड़गे की दो पुरानी तस्वीरें ट्वीट कीं.
तस्वीरों के साथ में उन्होंने लिखा, "एक समय था जब मल्लिकार्जुन खड़गे शशि थरूर जैसे कपड़े पहना करते थे. ये पुरानी तस्वीरें मिस्टर खड़गे को समर्पित."
उधर, इस ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने लिखा, "जाने कहां गए वो दिन." इसके बाद उन्होंने खड़गे के लिए और भी ट्वीट किए.
जयराम रमेश ने लिखा, " मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावी राजनीति में 50 साल पूरे किए हैं. उन्होंने एक जनप्रतिनिधि के रूप में और राज्य तथा केंद्र में मंत्री के रूप में विशिष्टता हासिल की है. वह नेहरू, अंबेडकर, इंदिरा गांधी और देवराज उर्स से प्रेरित सामाजिक सशक्तिकरण के प्रतीक हैं.
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे की जीत उन ताकतों की जीत है जो वैचारिक प्रतिबद्धता को व्यक्तिगत महत्व से ऊपर रखते हैं. खड़गे लाइमलाइट में रहने की बजाए हमेशा कांग्रेस पार्टी के हितों के लिए आत्म-प्रभावी ढंग से काम करने वाले संगठन के सबसे उत्कृष्ट व्यक्ति रहे हैं. उन्हें सभी कांग्रेसियों की शुभकामनाएं."
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.