
जनता का एंटरटेनमेंट या पॉलिटिक्स का रिवीजन, चुनाव के माहौल में तापमान बढ़ाएंगी ये फिल्में
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राजनीतिक मुद्दों पर फिल्म बने तो जनता में तो उसे चर्चा मिलती ही है, ऊपर से गर्मागर्म चुनावी माहौल के बीच अगर कहीं किसी भाषण में जगह मिल जाए तो अपने आप ऑर्गनिक प्रमोशन भी ठीकठाक मिल जाता है. शायद यही वजहें हैं कि चुनावी काउंटडाउन के महीनों में पॉलिटिकल माहौल वाली फिल्मों को मेकर्स रिलीज के लिए शेड्यूल रखते हैं
लोकसभा चुनाव 2024 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, मगर इतना लगभग तय है कि अप्रैल-मई में भारत की जनता अपनी सरकार चुनने के मिशन पर लग जाएगी. लोकतंत्र के इस अनुष्ठान में अपने हिस्से की आहुति डालने के लिए सिनेमा ने भी अपनी कमर कस ली है.
2024 चुनाव का साल है ये तो पहले ही तय था और पहले ही महीने से ऐसी फिल्में रिलीज के लिए शिड्यूल थीं जिनकी कहानियां सरकार के कुछ लैंडमार्क फैसलों के इर्द-गिर्द घूमती हैं. ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण स्टारर 'फाइटर' 25 जनवरी को ही थिएटर्स में रिलीज हो गई थी. भारत की पहली एरियल एक्शन फिल्म कही जा रही 'फाइटर', बालाकोट एयरस्ट्राइक पर बेस्ड थी.
इस एयर स्ट्राइक को भारत की तरफ से पुलवामा हमले का जवाब माना गया था. इसे बड़े पर्दे पर लेकर आई 'फाइटर' अब थिएटर्स में अपने हिस्से की कमाई भी वसूल चुकी है. इधर फरवरी के आखिरी हफ्ते में आई यामी गौतम स्टारर 'आर्टिकल 370', दूसरे हफ्ते में भी थिएटर्स का मीटर चला रही है. ये फिल्म किस राजनीतिक मुद्दे पर बेस्ड है, ये तो शायद बताने की भी जरूरत नहीं है, फिल्म का टाइटल ही काफी है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक भाषण में इस फिल्म का जिक्र किया तो माहौल और बन गया.
राजनीतिक मुद्दों पर फिल्म बने तो जनता में तो उसे चर्चा मिलती ही है, ऊपर से गर्मागर्म चुनावी माहौल के बीच अगर कहीं किसी भाषण में जगह मिल जाए तो अपने आप ऑर्गनिक प्रमोशन भी ठीकठाक मिल जाता है. शायद यही वजहें हैं कि चुनावी काउंटडाउन के महीनों में पॉलिटिकल माहौल वाली फिल्मों को मेकर्स रिलीज के लिए शिड्यूल रखते हैं. तो इधर लोकसभा चुनाव 2024 का काउंटडाउन शुरू है और उधर पॉलिटिकल कंटेंट वाली ऐसी फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं जिनमें 'रियल घटनाओं पर आधारित' का डिस्क्लेमर खूब दिखने वाला है...
गोधरा पर दो फिल्में गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग, राजनीति में हमेशा दहकती रहती है. वक्त-बेवक्त अक्सर किसी न किसी राजनीतिक बहस या भाषणबाजी इस आग को कुरेदती रहती है. चुनावी माहौल के बीच इस दहकते पॉलिटिकल मुद्दे पर दो फिल्में आने वाली हैं.
रणवीर शौरी, मनोज जोशी की 'एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी: गोधरा' वैसे तो 1 मार्च को रिलीज होनी थी. मगर रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये फिल्म सेंसर बोर्ड के टेबल पर अटकी हुई है. 'गोधरा' का ट्रेलर भी अभी नहीं आया है और माना जा रहा है कि सेंसर सर्टिफिकेट मिलते ही मेकर्स इसे बहुत छोटे से प्रमोशन के साथ रिलीज करना चाहेंगे. यानी इसकी रिलीज अप्रैल-मई के बीच ही देखने को मिलेगी.