चारधाम यात्रा पर लगी पाबंदी हटी; महाराष्ट्र के शिरडी मंदिर में रोजाना जा सकेंगे 15,000 श्रद्धालु
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हांलांकि, अपने आदेश में कहा है कि चारधाम आने वाले प्रत्येक यात्री के पास कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट और टीकाकरण प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा.
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की रोजाना की अधिकतम संख्या पर लगी पाबंदी मंगलवार को हटा दी है. अब बुधवार से श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा पर जाने के लिए संख्या की कोई सीमा नहीं होगी. मुख्य न्यायाधीश आर एस चैहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ चारधामों में श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या पर लगी पाबंदी हटा दी. अदालत ने हांलांकि, अपने आदेश में कहा है कि चारधाम आने वाले प्रत्येक यात्री के पास कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट और टीकाकरण प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर करके अदालत से अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करके चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने की प्रार्थना की थी.
जरूरत के हिसाब से पुलिस बल तैनात किया जाएगा इसके अलावा, चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के हिसाब से पुलिस बल तैनात किया जाएगा.चमोली जिले में बदरीनाथ, रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर स्थित हैं. इससे पहले, चारों धामों में दर्शन के लिए उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या निर्धारित की थी. बदरीनाथ के लिए श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए 400 तय की गई थी. यात्रियों की अधिकतम दैनिक संख्या निर्धारित करने के अलावा, उच्च न्यायालय ने धामों के आसपास स्थित किसी जलाशय या झरने में नहाने पर भी प्रतिबंध लगाया था.