घरवालों से ऊपर होकर की शादी, सास अबतक नाराज, पंकज त्रिपाठी की पत्नी बोलीं- घर में तहलका...
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पंकज की पत्नी के भाई से उनकी बहन की शादी हुई थी. क्योंकि पत्नी का परिवार बड़े कुल से था इसलिए पेरेंट्स का कहना था कि लड़की बड़े से छोटे कुल में कैसे आ सकती है. सोशल कन्स्ट्रक्ट्स की वजह से आज भी पंकज की मां ने मृदुला को अपनाया नहीं है.
बॉलीवुड के जाने-माने स्टार पंकज त्रिपाठी ने इंडस्ट्री में बड़ा नाम बनाया है. लेकिन अपनी मेहनत और लगन से. दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले इन्हीं पंकज त्रिपाठी ने पर्सनल लाइफ में बहुत संघर्ष किया हुआ है. हाल ही में एक इंटरव्यू में पंकज की पत्नी मृदुला ने बताया कि किस तरह पंकज के घरवालों ने उन्हें अपनाने से इनकार किया. शादी पर आपत्ति जताई. क्योंकि वो लव मैरिज करना चाहती थीं. हालांकि, बाद में पेरेंट्स तैयार हो गए.
पंकज की बहन की शादी जिस घर में हुई थी वो परिवार बड़े कुल से था. पंकज के पेरेंट्स का कहना था कि लड़की बड़े से छोटे कुल में कैसे आ सकती है. सोशल कन्स्ट्रक्ट्स की वजह से आज भी पंकज की मां ने मृदुला को अपनाया नहीं है.
पंकज की पत्नी ने कही ये बात मृदुला ने एक यूट्यूब चैनल को दिए पॉडकास्ट पर बताया कि पंकज और उनकी मुलाकात, बहन की शादी के दौरान ही हुई थी. दोनों के बीच अट्रैक्शन था और धीरे-धीरे हम मिलने लगे. मैं 9वीं क्लास में थी और पंकज 11वीं में थे. पर परिवार वालों को इस बारे में कोई भनक नहीं थी. पर पता नहीं मेरी मम्मी को लगने लगा था कि पंकज के साथ मेरा कुछ तो चल रहा है. इसलिए उन्होंने मुझे कहा कि तुम पंकज को 'भैया' कहकर बुलाया करो. मैं ऐसा नहीं करने वाली थी. तो मैंने उन्हें पंकज जी बोलना शुरू किया. मुझे ये भी अजीब लगा तो मैं उन्हें सिर्फ जी बोलने लगी. अब मैं उन्हें पति बुलाती हूं.
"हमारा रिश्ता काफी कॉन्ट्रोवर्शियल रहा है. वो इसलिए क्योंकि परिवार वालों ने मुझे आज भी अपनाया नहीं है. हमारा खून का रिश्ता भले ही न हो, लेकिन हमारे कल्चर में ऐसा होता है कि कोई भी बड़े घर की लड़की, छोटे घर में शादी नहीं करेगी. बहुत सारी परेशानियां आईं. जैसे-तैसे करके मैंने पंकज के बारे में पापा को बताया. कहा कि मैं पंकज से शादी करना चाहती हूं. जब पापा को एक सुबह पंकज के बारे में बताया तो उनका रिएक्शन काफी सरप्राइजिंग था. उन्होंने कहा, ये तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया, मैं फालतू में लड़के ढूंढने में समय बर्बाद कर रहा था. थोड़ा समय रुको. सोचता हूं इस बारे में."
"पापा ने कहा कि पंकज को बोलो वो तुम्हारा हाथ मांगने आए. बाद में मम्मी को इस बारे में बताया गया. घर में तहलका, बवाल हुआ. भाभी खुश नहीं थीं सुनकर. मम्मी भी. उन्हें चिंता थी कि पंकज कैसे मेरा ख्याल रखेंगे. पर धीरे-धीरे उन्होंने चीजों को अपनाया. दोनों परिवार शादी में शामिल हुए लेकिन बहुत जद्दोजहद के बाद. लेकिन आज भी मेरी सांस ने मुझे अपनाया नहीं है. उनके अंदर आज भी वही कल्चर वाली बात अटकी हुई है. पर अब इतने साल हो गए हैं, क्या कर सकते हैं."
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