गुटखे के दाग साफ करने में हर साल खर्च होते हैं 1200 करोड़, अब रेलवे ने बनाया ये प्लान
Zee News
रेलवे के पश्चिम, उत्तर और मध्य रेलवे जोन ने इसके लिए नागपुर के एक स्टार्टअप ईजीपिस्ट को कॉन्ट्रैक्ट दिया है. इस पीकदान को कोई भी शख्स आसानी से अपनी जेब में रख सकता है.
नई दिल्ली: देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर लगातार लोगों को जागरुक किया जा रहा है और सरकार भी लोगों से अपने आस-पास सफाई रखने की अपील करती रहती है. लेकिन शहरों से लेकर रेलवे स्टेशनों पर आम लोग गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते, जिससे सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी होती हैं. इतनी कोशिशों के बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा थूकना आज भी आम बात है.
भारतीय रेलवे हर साल गुटखा थूकने के बाद हुई गंदगी को साफ करने पर करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च करता है. यह आंकड़ा किसी को भी चौंका सकता है लेकिन देश में रेलवे स्टेशन और ट्रेनों की संख्या के साथ-साथ यात्रियों की तादाद को देखते हुए यह रकम जायज नजर आती है. कोरोना काल में लोगों को साफ-सफाई का खास ध्यान रखने को कहा गया, बावजूद इसके लोगों ने अपने बर्ताव में जरा भी सुधार नहीं किया.