गुजरात के पांच सांसदों का टिकट कटा, दो केंद्रीय मंत्री लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, देखें पूरी लिस्ट
AajTak
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की 195 नामों की लिस्ट में गुजरात के 15 नाम शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे लेकिन पहली लिस्ट में पांच सांसदों के टिकट काटे गए हैं. देखें उनकी जगह किसे उम्मीदवार बनाया गया है.
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है. गुजरात की 26 में 15 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है. पहली लिस्ट में गुजरात के पांच सांसदों का टिकट काटा गया है. राज्यसभा के रास्ते केंद्र में मंत्री बने दो सांसदों को भी लोकसभा चुनाव लड़ना होगा.
1. रमेश धडूक की जगह मनसुख मांडविया
पोरबंदर से सांसद रमेश धडूक का टिकट काटा गया है. इस सीट से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चुनावी मैदान में उतारा गया है. धडूक का टिकट कटने के पीछे कोई बड़ी वजह नहीं है लेकिन मांडविया को जातीय समीकरण को देखते हुए मैदान में उतारा गया है.
मांडविया लेऊवा पाटीदार समाज से आते हैं और गुजरात में अमरेली और पोरबंदर सीट पर बीजेपी लेऊवा पाटीदार चेहरे को टिकट देती है. अमरेली से ज्यादा पोरबंदर भाजपा की मजबूत सीटों में एक है, इसीलिए मांडवीया को यहां से टिकट दिया गया है.
ये भी पढ़ें: बीजेपी ने जारी की 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, पीएम मोदी समेत 34 मंत्रियों के नाम शामिल
2. मोहन कुंड़ारिया की जगह मोहन कुंड़ारिया की जगह
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.