क्या भारतीयों में भी 44 और 60 साल की उम्र से शुरू हो जाता है बुढ़ापा ? एक्सपर्ट ने बताया
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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की हाल ही में आई रिसर्च में दावा किया गया था कि इंसान का बुढ़ापा दो चरणों में आना शुरू होता है. इसका पहला चरण 44 साल की उम्र में तो दूसरा 60 साल की उम्र में शुरू होता है. यह रिपोर्ट अमेरिकी लोगों के आधार पर बनाई गई है. ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या भारतीयों के जीवनकाल में बुढ़ापा आने का साल समान है या फिर कुछ अलग है.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की हाल ही में आई रिसर्च में दावा किया गया था कि इंसान का बुढ़ापा दो अहम चरणों में आना शुरू होता है. इसका पहला चरण 44 साल की उम्र में तो दूसरा 60 साल की उम्र में शुरू होता है. स्टैनफोर्ड की यह रिसर्च आते ही चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि, इस रिसर्च को अमेरिकी लोगों के आधार पर तैयार किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि उम्र बढ़ने का क्या यही पैटर्न भारतीयों में भी देखा जाता है?
गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल के सीनियर डॉक्टर प्रशांत सक्सेना ने इस सवाल का जवाब दिया है, साथ ही इस रिसर्च से जुड़ीं कुछ और चीजों को भी साफ किया है.
क्या भारतीयों में भी बुढ़ापे के चरण को लेकर अमेरिकियों जैसा पैटर्न है? इस सवाल पर डॉक्टर प्रशांत ने कहा कि हां, प्रौढ़ावस्था और जीवन के अंतिम चरण में जो बदलाव होते हैं, वो भारत समेत सभी संस्कृतियों में ही देखने को मिलता है. भारतीय संस्कृति में यह बदलाव पारंपरिक मूल्यों, पारिवारिक भूमिकाएं और सामाजिक अपेक्षाओं के आधार पर होते हैं.
डॉक्टर प्रशांत ने मध्य जीवन काल यानी करीब 44 साल की उम्र में होने वाले बदलावों पर कहा कि इस स्टेज पर सफलता और जिम्मेदारियों को लेकर सांस्कृतिक अपेक्षाओं से प्रभावित होकर इंसान की जिंदगी में कई बदलाव आते हैं. इन बदलावों में करियर का बदलना और पारिवारिक गतिशीलता का विकास शामिल है.
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वहीं डॉक्टर प्रशांत ने भारत में 60 साल की उम्र के आसपास आने वाले बदलावों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति और बुढ़ापा अपनी सांस्कृतिक अपेक्षाओं और पारिवारिक भूमिकाओं के साथ आते हैं. यह अक्सर पश्चिमी मानदंडों से अलग होता है और पूरी तरह पारिवारिक जिम्मेदारियों और पारंपरिक मूल्यों पर फोकस होता है.
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