'क्या पता 2024 में आप न हों, तब सौरव गांगुली जाएंगे ICC', ममता का केंद्र पर हमला
AajTak
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सौरव गांगुली का नाम आईसीसी प्रमुख पद के लिए न भेजने पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि वह राजनीति का शिकार हुए हैं. वह पश्चिम बंगाल से आते हैं, इसलिए उनका नाम नहीं भेजा गया.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर सौरव गांगुली के समर्थन में अपना बयान दिया. उन्होंने कहा, सौरव गांगुली को आईसीसी का चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया है. सौरव के साथ बहुत गलत किया गया. उन्हें दुनिया भर में जाना जाता है." सीएम ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- क्या पता आप 2024 में वहां न रहें और तब सौरव गांगुली आईसीसी में जाएंगे.
सीएम ममता ने कहा कि उन्होंने अनुराग ठाकुर के भाई को भी मौका दे दिया... लेकिन सौरव को नहीं. पद किसी और के लिए रखा जा रहा है? रोजर बिन्नी को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाया गया है. सौरव को क्यों वंचित किया गया है? देश के खेल प्रेमियों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के मौजूद उनके प्रशंसकों के लिए यह शर्म की बात है. आईसीसी चीफ के लिए नाम भेजने की अंतिम तारीख 10 अक्टूबर ही है.
बंगाल से हैं सौरव इसलिए नहीं बन सकते ICC चीफ
सीएम ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौरव गांगुली बंगाल के बेटे हैं, इसलिए वह ICC प्रमुख नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट ने जय शाह और सौरव गांगुली दोनों का कार्यकाल बढ़ाया है. एक पद पर बना हुआ है और दूसरे को हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि सौरव हकदार थे. उन्होंने कहा कि ICC में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं? अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय की लॉबी होना जरूरी है. आप सौरव को पद दे सकते थे.
उन्होंने कहा कि अगर सचिन तेंदुलकर विवाद में होते तो मैं उनका भी समर्थन करती. सिर्फ इसलिए कि वह एक विनम्र व्यक्ति हैं. उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन मुझे यकीन है कि वह आहत हैं. किसी व्यक्ति विशेष को प्राथमिकता देना यह एक बेशर्म राजनीतिक प्रतिशोध है.
नबी दिवस पर तनाव फैलाने की कोशिश की गई
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.