![क्या नसरल्लाह की मौत के साथ खत्म होगा Israel का एक बड़ा दुश्मन, या पूरे मिडिल ईस्ट में फैल जाएगी जंग की आग?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202409/66fa67a864efb-hezbollah-in-lebanon-impact-death-of-top-leader-hassan-nasrallah-amid-israel-hamas-war-30560755-16x9.jpg)
क्या नसरल्लाह की मौत के साथ खत्म होगा Israel का एक बड़ा दुश्मन, या पूरे मिडिल ईस्ट में फैल जाएगी जंग की आग?
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बीते सप्ताह इजरायल ने लेबनान पर एक के बाद एक हवाई और जमीनी हमले कर हिजबुल्लाह के कई टॉप कमांडरों को मार गिराया. इसमें एक नाम हसन नसरल्लाह का भी है. इस चरमपंथी नेता की हत्या इजरायल के लिए कुछ वैसी ही है, जैसे अमेरिका के लिए बिन लादेन को मार गिराना. तो क्या इसके बाद इजरायल के बड़े दुश्मन हिजबुल्लाह की कमर टूट जाएगी?
इजरायल इन दिनों एक साथ कई मोर्चों पर जंग कर रहा है. हमास के साथ युद्ध को उसे एक साल बीतने को आए. इस बीच ही वो हिजबुल्लाह से भी लड़ रहा है. लेबनान से संचालित हो रहा ये आतंकी गुट लगभग चार दशक से इजरायल की नाक में दम किए हुए था. अब इसके टॉप लीडर हसन नसरल्लाह की हवाई हमले में मौत की पुष्टि हो चुकी. तो क्या इसके मायने ये हैं कि इजरायल का एक बड़ा दुश्मन खत्म हो चुका? क्या अब वो लेबनान की तरफ से निश्चिंत हो सकता है?
यहां हम कई सवालों के सिलसिलेवार जवाब जानते हैं. हिजबुल्लाह क्या है. हमास पर हमले से ये समूह क्यों भड़क उठता है. ईरान-फंडेड इस गुट का हेडक्वार्टर लेबनान में क्यों है. क्या टॉप लीडर के खात्मे से ये संगठन खत्म हो जाएगा, या कोई दूसरा लीडर ये जगह भर सकेगा?
हिजबुल्लाह की नींव ईरान ने इजरायल को पछाड़ने के लिए अस्सी के दशक में रखी थी. यह शिया संगठन है, जो लेबनान में बेहद ताकतवर है. इसे दुनिया के सबसे ताकतवर गैर-सरकारी सैन्य ताकत की तरह भी देखा जाता रहा, जिसका काम इजरायल और उसके सहयोगियों को परेशान करना है. यह शिया विचारधारा को फैलाने के मकसद के साथ सुन्नियों की नाक में भी दम किए रखता है. चूंकि इसकी फंडिंग ईरान करता है तो कह सकते हैं कि इसका काम मिडिल ईस्ट में इस देश को सबसे शक्तिशाली बनाए रखना भी रहा.
हमास और हिजबुल्लाह में क्या संबंध
चरमपंथी गुट का हमास से वही संबंध है, जो दुश्मन के दुश्मनों का आपस में होता है. वे आपस में दोस्त बन जाते हैं. लेबनान में गृह युद्ध के दौरान बने इस गुट का सीधा-साफ मकसद था कि वो इस्लामिक, खासकर शिया मत को फैलाए, और इजरायल को कमजोर करते हुए फिलिस्तीन की आधिकारिक नींव रखे. यही वजह है कि जब-जब इजरायल हमास पर हमलावर हुआ, इस संगठन को गुस्सा आया. पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू लड़ाई के बाद से हिजबुल्लाह ने कई बार इजरायल पर हमले किए. ये बात अलग है कि इजरायली डिफेंस फोर्स उनपर हमेशा भारी रही.
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