क्या जल रहे श्रीलंका को बचाने जा रहे भारतीय सैनिक? राजीव गांधी ने की थी ये गलती
Zee News
29 जुलाई 1987 को भारत और श्रीलंका के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते का मकसद लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम) और उनके प्रमुख प्रभाकरण को रोकना था. जुलाई 1987 में भारतीय शांति सेना की जाफना में तैनाती शुरू हुई.
नई दिल्ली: भारत ने शनिवार को इस दावे को खारिज कर दिया कि इस द्वीपीय देश श्रीलंका में लगाए गए आपातकाल के बीच नई दिल्ली श्रीलंका में अपने सैनिक भेज रही है और कहा कि यह फर्जी सूचना है. श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने मीडिया के एक वर्ग के समक्ष इन निराधार रिपोर्टो का खंडन किया कि भारत अपने सैनिकों को श्रीलंका भेज रहा है.
उच्चायोग ने की निंदा उच्चायोग ने भी इस तरह की गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिग की निंदा की और संबंधितों से अफवाह फैलाने से बचने की उम्मीद की. देश में अशांति को रोकने के लिए श्रीलंका सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. सबसे खराब आर्थिक स्थिति जो द्वीप राष्ट्र देख रहा है, वह कोविड-19 महामारी से जटिल हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन और प्रेषण से राजस्व में गिरावट आई है.