क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है, Bitcoin से Dogecoin तक क्यों हुई बेहाल?
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Bitcoin, Ethereum और Dogecoin समेत सभी क्रिप्टो करेंसी में भारी गिरावट है. पिछले 8 महीने में क्रिप्टो मार्केट की वेल्यूएशन गिरकर एक तिहाई रह गई है. पिछले साल एक बिटकॉइन की कीमत करीब 47 लाख रुपये थी जो अब करीब 16 लाख ही रह गई है. आखिर क्रिप्टो का बुलबुला क्यों फूट रहा है?
दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत में इस साल 55 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. साल की शुरुआत में एक बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपये में करीब 35 लाख रुपये थी. जो कि आज की तारीख में (23 जून) 16 लाख रुपये ही रह गई है. नवंबर 2021 में इसकी कीमत 47 लाख रुपये से भी ज्यादा थी. यानी सिर्फ 8 महीने में ही बिटकॉइन की कीमतें एक तिहाई रह गईं.
सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं, दुनिया की सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में भारी गिरावट आई है. एलन मस्क की पसंदीदा क्रिप्टो करेंसी डॉजकॉइन इस साल 61 फीसदी से ज्यादा गिरी है. इथेरियम की कीमतों में करीब 70 फीसदी की गिरावट है. Cardano में भी 65 फीसदी गिरावट है.
नवंबर 2021 में दुनियाभर में मौजूद सभी क्रिप्टो करेंसी का कुल मार्केट वैल्यूएशन करीब 2.9 ट्रिलियन डॉलर था, जो अब घटकर 1 ट्रिलियन डॉलर से भी कम रह गया है. क्रिप्टो मार्केट के कुल वैल्यूएशन में लगभग आधा वैल्यूएशन सिर्फ बिटकॉइन का है. आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टो मार्केट को ड्राइव अकेले बिटकॉइन ही करता है.
अक्टूबर 2020 में जब संस्थागत निवेशकों ने बिटकॉइन (क्रिप्टो मार्केट) में निवेश करना शुरू किया, तब क्रिप्टो करेंसी के दाम रॉकेट की तरह ऊपर चढ़े. क्रिप्टो की बढ़ती कीमतों और रातों-रात अमीर होने के लालच में उन लोगों ने भी क्रिप्टो में पैसे लगाये जिन्हें क्रिप्टो की बेसिक समझ भी नहीं थी. लेकिन सवाल यह है कि आखिर पिछले डेढ़ साल में ऐसा क्या हुआ कि क्रिप्टो करेंसी की कीमतें अर्श से फर्श पर आ गईं.
शेयर बाजार का रुख ये बताता है कि अभी निवेश करने के लिए कैसा माहौल है. अगर शेयर बाजार चढ़ रहा है तो समझिये कि निवेशक पैसा लगा रहे हैं. उन्हें अर्थव्यवस्था के ग्रोथ करने या स्थिर रहने की उम्मीद है. शेयर बाजार जब गिरने लगे तो समझिये कि संस्थागत निवेशकों को लग रहा है कि अभी बाजार अस्थिर है और पैसा लगाना ठीक नहीं है, ऐसे में वो शेयर मार्केट से पैसा निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगाते हैं.
यही क्रिप्टो के साथ भी होता है. क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा संवेदनशील और अस्थिर है, यानी इसमें उतार चढ़ाव बहुत ज्यादा होता है. इस साल अमेरिका का S&P इंडेक्स करीब 20 फीसदी से ज्यादा गिरा. S&P इंडेक्स उन 500 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है जो अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं.
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