क्या आपको भी यूरिन में नजर आते हैं सफेद कण? ये बीमारियां हो सकती हैं कारण
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ऐसी कई स्थितियां हैं जिनके कारण आपके यूरिन में व्हाइट पार्टिकल्स दिखाई दे सकते हैं. कई मामलों में यह बिल्कुल भी खतरनाक साबित नहीं होता लेकिन कई बार इसके कारण आपको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
आमतौर पर यूरिन का कलर हल्का पीला होता है और इसमें किसी प्रकार के कोई पार्टिकल्स या कण नजर नहीं आते. लेकिन कुछ मामलों में, जैसे प्रेग्नेंसी, इंफेक्शन और किडनी स्टोन होने पर यूरिन में कुछ व्हाइट पार्टिकल्स नजर आते हैं जिससे यूरिन क्लाउडी नजर आने लगता है. प्रेग्नेंसी और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यूरिन का कलर चेंज होने के आम कारणों में से हैं. लेकिन और भी कई तरह की बीमारियां होने पर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. तो आइए जानते हैं किन कारणों से यूरिन में नजर आते हैं व्हाइट पार्टिकल्स और कब आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
यूरिन में व्हाइट पार्टिकल्स दिखने के कारण:
प्रेग्नेंसी- प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला के हार्मोन्स में कई तरह के बदलाव होते हैं जिसका काऱण वजाइनल डिस्चार्ज और कई तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं. शरीर से डिस्चार्ज निकलते समय यूरिन के साथ मिक्स हो जाता है. जिससे यूरिन में व्हाइट पार्टिकल्स नजर आते हैं. इसमें घबराने की कोई बात नहीं होती. अगर आप प्रेग्नेंट हैं और डिस्चार्ज का रंग डार्क होने के साथ ही आपको खुजली, जलन के संकेत नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
यूटीआई (UTI)- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर यूरिन में व्हाइट पार्टिकल्स का नजर आना काफी आम है. जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लेडर, किडनी या योनि में प्रवेश करते हैं तो वहां पहुंचकर और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसके बाद वे इंफेक्शन फैलाते हैं तो उसे यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन कहा जाता है. महिलाओं समेत पुरुषों को भी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है और यूरिन में व्हाइट पार्टिकल्स भी नजर आ सकते हैं.
ओव्यूलेशन-कुछ महिलाओं को ओव्यूलेशन के दौरान वजाइना से सफेद रंग के चिपचिपे पदार्थ का उत्पादन काफी ज्यादा होता है. इसका रंग दूधिया या क्रीमी हो सकता है. कई बार यह चिपचिपा पदार्थ यूरिन के साथ भी बाहर आता है. ऐसे में अगर इस चिपचिपे पदार्थ में से आपको गंदी स्मेल आती है तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.
किडनी स्टोन- किडनी स्टोन तब होता है जब शरीर में यूरिक एसिड या कैल्शियम ऑक्सालेट जैसे कुछ पदार्थों का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इन दोनों ही चीजों की मात्रा ज्यादा होने से यह यूरिनरी ट्रैक्ट में जमा हो जाते हैं जो बाद में किडनी स्टोन में बदल सकता है.
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