कौन थे चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कातिल? ट्रंप पर हमले ने फिर खोला अमेरिकी राजनीति के काले अध्याय का पन्ना
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अमेरिका के इतिहास में अब तक चार ऐसे राष्ट्रपति हुए हैं, जिनकी गोली मार कर हत्या की जा चुकी है. जबकि पांच ऐसे प्रेसिडेंट हुए हैं, जिन पर गोलियों से जानलेवा हमला किया गया. इसके अलावा ट्रंप से पहले प्रेसिडेंट पद के तीन और उम्मीदवारों पर भी जानलेवा हमला हो चुका है.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के ऐसे तेरहवें राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति या राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, जिन पर जानलेवा हमला हुआ है. अमेरिका के इतिहास में अब तक चार ऐसे राष्ट्रपति हुए हैं, जिनकी गोली मार कर हत्या की जा चुकी है. जबकि पांच ऐसे प्रेसिडेंट हुए हैं, जिन पर गोलियों से जानलेवा हमला किया गया. इसके अलावा ट्रंप से पहले प्रेसिडेंट पद के तीन और उम्मीदवारों पर भी जानलेवा हमला हो चुका है.
अब्राहम लिंकन अमेरिकी राष्ट्रपति के कत्ल की शुरुआत 14 अप्रैल 1865 को हुई थी. तब अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन थे. तब वॉशिंगटन के फोर्ड थियेटर में लिंकन आवर अमेरिकन कजिन नाटक देख रहे थे. वो बालकोनी में बैठे थे और इत्तेफाक से उने सुरक्षाकर्मी जॉन पार्कर तब उनके साथ नहीं थे. वो इंटरवल में ही थियेटर से बाहर निकल गए थे. इसी बीच रात सवा दस बजे हमलावर जॉन वाइक्स बूथ ने अब्राहम लिंकन के सिर में पीछे से गोली मार दी. लिंकन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अगले दिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया.
कातिल बूथ एक पेशेवर थियेटर आर्टिस्ट था. जिसे दस दिन बाद एक मुठभेड़ में अमेरिकी सैनिकों ने मार गिराया. अब सवाल ये है कि अब्राहम लिंकन की जान क्यों ली गई? तो जवाब है कि 19वीं सदी में अमेरिका में गुलाम प्रथा का जोर था. इसमें गोरे लोग काले लोगों को खरीद कर उनसे गुलामी करवाते थे. यानी काले लोगों की आज़ादी गोरों के हाथों में थी. लिंकन इस प्रथा के विरोधी थे और इसके खिलाफ अभियान चलाते थे. राष्ट्रपति बनने के बाद साल 1963 में उन्होंने इस प्रथान को भी गैर कानूनी करार दिलाया. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जो इस प्रथा को जारी रखना चाहते थे और वो लिंकन से नाराज हो गए. अमेरिका में गृहयुद्ध की शुरुआत हो गई और लिंकन के इसी फैसले के खिलाफ गुस्से में जॉन वाइक्स बूथ ने उनकी जान ले ली.
जेम्स अब्राहम गार्फ़ील्ड जेम्स ए. गार्फील्ड अमेरिका के दूसरे ऐसे राष्ट्रपति हुए जिनकी हत्या की गई. 2 जुलाई 1881 को वॉशिंगटन डीसी में उन पर जानलेवा हमला हुआ. उनको राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे हुए सिर्फ 4 महीने ही हुए थे. वो बाल्मोर स्टेशन पर थे और उन्हें न्यू इंग्लैंड जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी. जहां वो विलियम कॉलेज में अपने को इंट्रोड्यूस करने वाले थे, लेकिन स्टेशन पर ही उ्हें चार्ल्स गुइटो नाम के एक आदमी ने गोली मार दी.
डॉक्टरों ने कई दिनों तक उनके सीने में लगी गोली निकालने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके और ढाई महीने बाद उनकी 19 सितंबर 1881 को उनकी जान चली गई. गुइटो राजनीति से जुड़ा था, लेकिन ज्यादा कामयाब नहीं हो सका. वो अपने भाषण पर्चे में छपवा कर बांटता था. लेकिन जब गार्फील्ड चुनाव जीत गए, तो उसे लगा कि वो उसी का लिखा भाषण पढ़ कर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. इसके बाद वो खुद को पुरस्कार का हकदार समझने लगा और राजनयिक बनने की कोशिश करने लगा. लेकिन इसमें नाकाम रहने पर उसने गार्फील्ड पर गोली चला दी. एक साल बाद गुइटो को फांसी दे दी गई.
विलियम मैककिनले अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की भी हत्या की गई थी. 6 सितंबर 1901 को अमेरिका के बफेलो में उन पर हमला किया गया. वो एक इवेंट में जाने की तैयारी कर रहे थे. उनके सचिव को डर था कि उन पर हमला हो सकता है, लेकिन मैककिन्ले ज्यादा सुरक्षा नहीं चाहते थे. इवेंट के बाद जब वो लोगों से मिल रहे थे, तो लियोन जोलगोज नाम का एक आदमी उनके करीब आया और उन्हें करीब से दो गोलियां मार दीं.
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