
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल का क्यों बढ़ रहा है ट्रेंड... क्या वाकई ये हेल्दी हैं या सिर्फ मार्केटिंग?
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पिछले कुछ समय से खाना बनाने के लिए कोल्ड प्रेस्ड तेलों का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि क्या वाकई कोल्ड प्रेस्ड ऑइल सेहत के लिए हेल्दी होते हैं या नहीं
पिछले कुछ सालों में लोग अपने खानपान को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं. लोगों के बीच इस विषय पर बात होने लगी है कि खाना पकाने के लिए किस तरह के खाद्य पदार्थ और तरीकों को अपनाया जाए ताकि हमारे शरीर में अनहेल्डी फैट ना जाए. इस बात पर तो सबसे ज्यादा बहस है कि खाना बनाने के लिए कौन सा तेल सेहत के लिए अच्छा है. यही वजह है कि रिफाइंड तेलों की तुलना में कोल्ड-प्रेस्ड तेलों के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. आइए जानें कि ऐसा क्यों हो रहा है और क्या वाकई कोल्ड-प्रेस्ड तेल सेहत के लिए अच्छे होते हैं.
कोल्ड प्रेस्ड तेल रिफाइंड तेलों से किस तरह अलग हैं?
कोल्ड-प्रेस्ड तेल का मतलब है कि किसी भी बीज या किसी मेवे से जब 49°C (120°F) से ज्यादा तापमान पर उनके तेल को बाहर निकाला जाता है जिससे तेल के प्राकृतिक गुण सुरक्षित रहते हैं. इस टेक्निक को कोल्ड प्रेस्ड कहते हैं. इसके उलट रिफाइंड तेलों को बनाते वक्त उन्हें बेहद तेज तापमान पर गर्म कर किया जाता है, साथ इन्हें सॉल्वेशन, ब्लीचिंग और दुर्गन्ध दूर करने समेत कई तरह के प्रॉसेस से गुजरना पड़ता है जिससे तेल के कई प्राकृतिक पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं.
क्या कोल्ड-प्रेस्ड तेल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं
विटामिन्स से भरपूर
कोल्ड प्रेस्ड तेल को कम तापमान पर दबाकर निकाला जाता है जिससे तेल में मौजूद प्राकृतिक पोषक तत्व जैसे विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट और स्वस्थ फैटी एसिड संरक्षित रहते हैं.

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