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किताबें, यादें और फिल्मों पर की दीप्ति नवल ने बात, बोलीं- कोविड के बाद हिल गया है बॉलीवुड
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दीप्ति नवल ने साहित्य आजतक 2022 में शिरकत की. बॉलीवुड की फेमस अदाकारा होने के साथ-साथ दीप्ति नवल, एक लेखिका और कवयित्री भी हैं. अब उन्होंने 'अ कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड' नाम से मेमोयर लिखा है. साहित्य आजतक 2022 के मंच पर दीप्ति ने अपने फिल्मी करियर और किताबों के बारे में बातें कीं. साथ ही उन्होंने कुछ पुरानी यादों को भी ताजा किया.
'तुम को देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया' गाने में नजर आने वाली दीप्ति नवल ने साहित्य आजतक 2022 में शिरकत की. बॉलीवुड की फेमस अदाकारा होने के साथ-साथ दीप्ति नवल, एक लेखिका और कवयित्री भी हैं. दीप्ति ने साल 1981 से किताबें लिखना शुरू किया था. अब उन्होंने 'अ कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड' नाम से मेमोयर लिखा है. साहित्य आजतक 2022 के मंच पर दीप्ति ने अपने फिल्मी करियर और किताबों के बारे में बातें कीं.
दीप्ति ने लिखी यादों पर किताब
'अ कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड' किताब में दीप्ति ने अपने बचपन की यादों को लिखा है. 50 के दशक का अंत और पूरे 60 के दशक के समय को दीप्ति ने रीक्रीएट किया है. उन्होंने इस बारे में कहा- मेरा मकसद था कि मैं पढ़ने वालों को अपने बचपन में ले जाऊं और उन्हें अपने अतीत और यादों से मिलवाऊं. यादों के पीछे भी यादें होती हैं. एक याद से दूसरी याद जुड़ जाती है. लिखते हुए मुझे समझ आया कि जिंदगी की यादें सिनेमा के एक फ्रेम की तरह उभरकर आने लगीं और परतें खुलती रहीं.
एक तरफ फिल्मों में अभिनय करना और दूसरी तरफ किताबों को लिखना दीप्ति नवल के लिए कैसा था? इसपर उन्होंने कहा- एक आर्टिस्ट अपनी पहचान पाना चाहता है. हम किरदारों को जीते हैं लेकिन वो हमारी अपनी पहचान नहीं है. एक लेखक के तौर पर मुझे हमेशा लगा कि मैं मेरी बात कब कह पाऊंगी. अपने मन की बात मैं कब रख पाऊंगी. एक लेखिका के रूप में मुझे वो करने का मौका मिला.
सिंपल समय को करती हैं पसंद
आज के समय और गुजरे जमाने के बीच तुलना पर भी दीप्ति ने बात की. उन्होंने कहा कि वो दौर बहुत प्यारा था. आप लोगों से जुड़ पाते थे. हम यूं ही चले जाते थे ऋषिकेश मुखर्जी, बासु भट्टाचार्जी के पास, खुद जाते थे और कहते कि मुझे आपके साथ काम करना है. मुझे वो दिन पसंद थे. आप किसी से भी मिल सकते थे और बात कर सकते थे. ये सब अब नहीं है. पहले दुनिया सिंपल थी.