कांग्रेस के इमरान मसूद बोले- राम हम सबके आराध्य, ओवैसी ने कहा- 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?
AajTak
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ बयानी जंग भी छिड़ी हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ने कहा है कि राम हम सबके आराध्य हैं. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने सवालिया अंदाज में कहा है कि 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कार्यक्रम पर सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस समारोह के लिए न्यौता ठुकरा दिया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस समेत दूसरे दलों को सनातन विरोधी बताते हुए निशाने पर ले लिया है, वहीं कांग्रेस भी मंदिर के आधा-अधूरे निर्माण और शंकराचार्यों की आपत्ति का हवाला देते हुए पलटवार कर रही है. अब कांग्रेस के पूर्व विधायक इमरान मसूद का बयान आया है.
इमरान मसूद ने कहा है कि भगवान राम हम सबके आराध्य हैं. इमरान मसूद कांग्रेस के संवाद और कार्यशाला कार्यक्रम में शामिल होने मेरठ पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि हम सब राम के वंशज हैं. इमरान मसूद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राम तो बुलाने वाले हैं. ये राम को लाने वाले कहां से हो गए? उन्होंने यह भी दावा किया कि हम राम को मानने वाले हैं. जो सम्मान यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के मन में है, वही सम्मान इमरान मसूद के मन में भी है.
ये भी पढ़ें- अयोध्या के महायज्ञ के बीच सोमनाथ मंदिर के 73 साल पुराने न्योते पर सियासी लड़ाई... नेहरू पर क्यों भिड़े कांग्रेस-BJP?
यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग इस आयोजन में हमारे लिए निगेटिव प्रचार करेंगे. मसूद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से कांग्रेस ने दूरी बना ली है. आयोजकों की ओर से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को समारोह में शामिल होने का न्यौता भेजा गया था. तीनों ही नेताओं ने इस आयोजन से दूरी बना ली है.
इमरान मसूद ने आजतक से बात करते हुए कहा कि रामलला किसी एक पार्टी के नहीं, करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक हैं. उन्होंने कांग्रेस के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित कार्यक्रम से किनारा करने के स्टैंड को लेकर सवाल पर कहा कि यह खुद ही लोगों से नहीं आने की अपील कर रहे हैं. राम खुद ही बुला लेते हैं. अजय राय और अविनाश पांडेय समेत तमाम नेता 15 जनवरी को ही रामलला के दर्शन करने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि इन तीनों नेताओं के आयोजन से दूरी बनाने के आधिकारिक ऐलान से पहले यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और अन्य नेताओं के अयोध्या जाने, सरयू में डुबकी लगाने और मकर संक्रांति का त्योहार वहीं मनाने का ऐलान पार्टी की ओर से किया जा चुका था.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.