कहानी उस शख्स की, जो पत्नी के चलते 28 साल रहा 'मृत', जिंदा साबित करने में घिसे जूते
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एक शख्स 28 सालों तक कानूनी रूप से मृत रहा. खुद को जिंदा साबित करने के लिए उसे दो सालों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. इसी साल 16 अगस्त को, दो साल की लंबी अदालती लड़ाई के बाद आखिरकार मैनोएल मार्सिआनो दा सिल्वा का मृत्यु प्रमाण पत्र रद्द किया गया.
ब्राजील के टोकेन्टिन्स क्षेत्र के एक 71 वर्षीय व्यक्ति को उसकी पूर्व पत्नी और दो गवाहों की गवाही के आधार पर, 1995 में मृत घोषित कर दिया गया था. इसी के चलते उन्होंने अपने जीवन के अगले 28 साल कानूनी तौर पर मृत होकर बिताए.
28 सालों से 'मृत' था जीवित शख्स
इसी साल 16 अगस्त को, दो साल की लंबी अदालती लड़ाई के बाद आखिरकार मैनोएल मार्सिआनो दा सिल्वा का मृत्यु प्रमाण पत्र रद्द किया गया. ब्राजीलियाई अधिकारियों के अनुसार, वह मर चुका था और 28 सालों पहले उसे टोकेन्टिन्स में ऑगस्टिनोपोलिस के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
मौत की जांच कराई तो पता लगा...
मैनोएल के लिए तब मुसीबत हो गई थी, जब वह अपनी पेंशन नहीं ले पा रहे थे. उसे अपने बीमा के आधार पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा तक नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में उन्होंने अपनी 'मौत' की जांच शुरू की और उन्हें पता चला कि यह उनकी पूर्व पत्नी ने दो लोगों के साथ मिलकर उन्हें अधिकारियों के सामने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
'जिंदा' होने के लिए लड़नी पड़ी कानूनी लड़ाई
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