![कमरे की मरम्मत में कपल को मिला 10 फीट गहरा कुआं, अंदर देखा तो पैरों के नीचे से खिसकी जमीन](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202404/661f7e07e258f---pexels-174510713-16x9.jpg)
कमरे की मरम्मत में कपल को मिला 10 फीट गहरा कुआं, अंदर देखा तो पैरों के नीचे से खिसकी जमीन
AajTak
ये कपल एक ऐसे घर में आया, जिसकी मरम्मत कई दशकों से नहीं हुई थी. जिसके बाद इन्होंने मरम्मत कराने का फैसला लिया. तभी कमरे में इन्हें एक 10 फीट गहरा कुआं दिख गया. जब उसके अंदर देखा, तो कपल हैरान रह गया.
एक कपल ने पहली बार अपने लिए घर खरीदा. जब ये अंदर आए तो ऐसी चीज दिखी, जिसके बाद ये हैरत में पड़ गए. इन्होंने अपने कमरे की मरम्मत में एक 10 फीट गहरा कुआं मिला. 28 साल की शानिया लॉयड अपने 25 साल के पति रॉस बैनेट के साथ उस घर में आईं, जो उन्होंने खरीदा है. ये घर उन्होंने 1.99 करोड़ रुपये में नवंबर में खरीदा था. जब वो फर्श की मरम्मत करा रही थीं, तब उन्हें ऐसी चीज दिखी, जिससे आंखे फटी की फटी रह गईं. उन्हें ईंटों से बना गहरा कुआं नजर आया.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टल वर्कर का काम करने वाली लॉयड का कहना है, 'हमारा दिन बहुत व्यस्त था, और रात के 10 बजे, हमें याद आया कि प्लंबर आ रहे हैं और हमें सुबह तक फर्शबोर्ड को साफ करना है. ये काम रॉस को करना था. तभी उन्होंने अचानक चिल्लाना शुरू कर दिया. उन्हें ईंटों से बना एक सर्किल दिखा, जिसके अंदर सिर्फ और सिर्फ अंधेरा था. फिर उन्होंने उसके अंदर टॉर्च की मदद से देखना शुरू किया. उन्हें लगा कि अंदर कोई खजाना है, वो उसे देखने के लिए उतरे और मुझे लग रहा था कि वो पागलपन कर रहे हैं.'
जब कपल ने इस कुएं के पीछे का इतिहास जानने की कोशिश की, तो इन्हें पता चला कि इनका दो कमरे का मकान उस जमीन पर बना है, जिसे पहले खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता था. इस घर की मरम्मद 1960 के दशक के बाद से नहीं हुई थी. जिसके कारण कपल ने घर की मरम्मत कराने का सोचा. इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले रॉस कुएं के अंदर गए. उसकी सतह पर चिकनी मिट्टी थी. जब उन्होंने खुदाई की तो अंदर से पानी निकलने लगा. जिससे पता चलता है कि ये कुआं आज भी काम करता है. इसे बाद में कवर कर दिया गया. अब कपल इसमें लाइट्स लगाने का सोच रहा है.
![](/newspic/picid-1269750-20250212003447.jpg)
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.
![](/newspic/picid-1269750-20250211094405.jpg)
प्रयागराज में जारी आस्था के महापर्व महाकुंभ में सभी बड़े स्नान हो जाने के बाद उम्मीद थी कि श्रद्धालुओं की तादाद में कमी होगी, लेकिन बजाए घटने के श्रद्धालु दिन पर दिन बढ़ते चले जा रहे हैं. इस 45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ मेले के भव्य आयोजन में सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं