कभी सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए थी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जानिए AMU का दिलचस्प इतिहास
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जिस वक्त इस यूनिवर्सिटी का कयाम किया गया था उस वक्त प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाने की इजाज़त नहीं मिलती थी. इसलिए पहले इसे मदरसे के तौर पर कायम किया गया.
नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) की तारीख बेहद दिलचस्प है. इस इदारे का नाम भी पहले अलग था और इसमें गैर मुस्लिम स्टूडेंट्स के लिए भी जगह नहीं थी. बाद में जब नाम बदला तो एडमिशन के कानून भी बदल गए और इस इदारे से तमाम हिंदू साहित्यकार और महान हस्तियां भी पढ़कर निकलीं. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तर्ज पर बना जिस वक्त इस यूनिवर्सिटी का कयाम किया गया था उस वक्त प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाने की इजाज़त नहीं मिलती थी. इसलिए पहले इसे मदरसे के तौर पर कायम किया गया. ये कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाई गई पहला आला तालीमी इदारा था. इस यूनिवर्सिटी का कयाम 1857 के दौर के बाद भारतीय समाज की तालीम के शोबे में पहली महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मानी जाती है.More Related News