कब खत्म होंगे Byju's के बुरे दिन? अब सबसे बड़े निवेशक ने छोड़ा साथ, कहा- नहीं मानी सलाह...
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Prosus की ओर से जारी बयान में कहा गया कि साल 2018 में पहले निवेश के बाद से Byju's के बिजनेस में खासी तेजी देखने को मिली थी, लेकिन समय के साथ इसकी रिपोर्टिंग और गवर्नेंस स्ट्रक्चर कंपनी के स्केल के मुताबिक पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हो सकी.
देश में एडटेक इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाने वाली कंपनी बायजूस (Byju’s) के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक के बाद एक उसके सहयोगी साथ छोड़ते जा रहे हैं. अब बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) के नेतृत्व वाली इस कंपनी के सबसे बड़े संस्थागत निवेशक प्रोसस (Prosus) ने भी इससे बाहर निकलने का रास्ता चुना है. बोर्ड से हटने के बाद इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया शेयर की है.
प्रोसस ने बताया अलग होने का कारण बायजूस का साथ छोड़ते हुए Prosus की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एडटेक कंपनी Byju's के एक्जीक्यूटिव लीडरशिप ने नियमित रूप से सलाह की उपेक्षा की है. रणनीतिक, परिचालन, कानूनी और कॉर्पोरेट प्रशासन मामलों से संबंधित सलाह और सिफारिशों को अनदेखा दिया गया. यहां बता दें कि बायजूस के लिए मुश्किलें तब पैदा होने लगीं, जब पीक XV पार्टनर्स, (जिसे पहले सिकोइया कैपिटल इंडिया, प्रोसस और चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के नाम से जाना जाता था) के तीन बोर्ड मेंबर्स ने बीते महीने जून में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया.
2018 में किया था पहला निवेश Prosus के बयान में कहा गया कि साल 2018 में पहले निवेश के बाद से बायजूस के बिजनेस में खासी तेजी देखने को मिली थी. लेकिन समय के साथ इसकी रिपोर्टिंग और गवर्नेंस स्ट्रक्चर कंपनी के स्केल के मुताबिक पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हो सकी. बता दें एक महीने पहले प्रोसस प्रतिनिधि के बायजूस बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद से ये कंपनी का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है. प्रोसस के मुताबिक, डायरेक्टर के लिए BYJU'S Board से हटने का निर्णय तब लिया गया, जब यह स्पष्ट हो गया कि वह कंपनी और उसके हितधारकों के दीर्घकालिक हितों को लेकर अपनी जिम्मेदारी पूरा करने में असमर्थ हैं.
कंपनी में लंबे समय से जारी है संकट बायजूस कंपनी में संकट का दौर लंबे समय से जारी है, लेकिन जून 2023 में इसमें खासी उथल-पुथल देखने को मिली है. बीते महीने प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक (Russell Dreisenstock ) ने Peak XV Partners के जीवी शंकर और Chan Zuckerberg Initiative के विवियन वू (Vivian Wu) के साथ Byju's बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, प्रोसस ने अपने बयान में यह भी कहा कि बायजूस इंडियन स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण एसेट है.
2021 में पेटीएम को पीछे छोड़ा साल 2011 में बायजू रविंद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने BYJUs की पेरेंट कंपनी यानी Think & Learn स्टार्टअप लॉन्च किया था, जिसने देखते ही देखते उनके एडटेक बिजनेस को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. इसके बाद 2015 में उन्होंने BYJU's ऐप लॉन्च किया और उनका स्टार्टअप का कारोबार रॉकेट की रफ्तार से भागने लगा. 2021 के जून-जुलाई में ऑनलाइन लर्निंग कंपनी BYJU’s फंडिंग राउंड में 16 अरब डॉलर से ज्यादा की वैल्यूएशन के साथ देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बनकर उभारा था. इसने इस मामले में Paytm को भी पीछे छोड़ दिया था.
Byjus की बर्बादी की बड़ी वजह बायजूस के अर्श से फर्श पर गिरने के सिलसिले पर गौर करें, तो कोरोना काल में स्कूल-कॉलेजों के बंद होने के चलते ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म बायजूस का क्रेज हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही चला गया और कंपनी की कमाई भी लगातार बढ़ती गई. लेकिन कोरोना की विदाई के साथ जैसे ही स्कूल- कॉलेज ओपन हुए, पढ़ाई-लिखाई ऑनलाइन मोड से वापस ऑफलाइन मोड में पहुंच गई.
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