
औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद, हिंदुवादी नेता मिलिंद एकबोटे के संभाजीनगर में प्रवेश पर रोक
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जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि धर्मवीर संभाजी महाराज प्रतिष्ठान, जो कि मिलिंद एकबोटे का संगठन है, हर साल पुणे में छत्रपति संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करता है. प्रशासन को खुफिया सूचना मिली थी कि एकबोटे और उनके समर्थक खुलदाबाद स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए आ सकते हैं.
हिंदुवादी नेता मिलिंद एकबोटे को छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में 16 मार्च से 5 अप्रैल तक प्रवेश करने से बैन कर दिया गया है. ये निर्णय औरंगजेब की कब्र हटाने की बढ़ती मांगों और संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए लिया गया है.
जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि धर्मवीर संभाजी महाराज प्रतिष्ठान, जो कि मिलिंद एकबोटे का संगठन है, हर साल पुणे में छत्रपति संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करता है. प्रशासन को खुफिया सूचना मिली थी कि एकबोटे और उनके समर्थक खुलदाबाद स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए आ सकते हैं.
फिल्म 'छावा' के बाद बढ़ा तनाव प्रशासन के अनुसार फिल्म "छावा" के रिलीज होने के बाद औरंगजेब की कब्र को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने 17 मार्च से कब्र हटाने को लेकर आंदोलन की घोषणा की है.
भीमा कोरेगांव हिंसा से भी जुड़े हैं एकबोटे मिलिंद एकबोटे का नाम 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा भड़काने में भी सामने आया था. इसके अलावा वह अफजल खान की कब्र हटाने को लेकर किए गए आंदोलनों में भी सक्रिय रहे हैं. अब जिला प्रशासन ने आदेश में स्पष्ट किया कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए एकबोटे और उनके समर्थकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.

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