
ऑस्कर जीतने वाली 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के सिनेमेटोग्राफर करण की कहानी, बताया कैसे जंगल में किया शूट
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'द एलिफेंट व्हिस्परर्स'....ये नाम भारत और सिनेमा जगत के इतिहास में दर्ज हो चुका है. इस फिल्म में अपने कैमरे से कमाल करने वाले सिनेमेटोग्राफर, करण थपलियाल ने aajtak.in से खास बातचीत की. उन्होंने कहा मैं अभी प्रोसेस नहीं कर पाया हूं... ये क्या हुआ है. इसके आगे करण ने फिल्म में काम करने का अपना एक्सपीरिएंस हमारे साथ शेयर किया.
'द एलिफेंट व्हिस्परर्स'.... ये नाम भारत और सिनेमा जगत के इतिहास में दर्ज हो चुका है. फिल्म जगत से जुड़े किसी भी शख्स के लिए ऑस्कर में नॉमिनेट हो जाना मात्र किसी सपने का पूरा हो जाने जैसा होता है. और जब नॉमिनेशन के बाद फिल्म को अवॉर्ड मिल भी जाए तो क्या कहना. 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को हाल में हुए 95वें एकैडमी अवॉर्ड यानी ऑस्कर्स 2023 में बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया. इसी के साथ ये उपलब्धि हासिल करने वाली ये भारत की पहली फिल्म बन गई. इस फिल्म में अपने कैमरे से कमाल करने वाले सिनेमेटोग्राफर, करण थपलियाल ने aajtak.in से खास बातचीत की.
मैं अभी प्रोसेस नहीं कर पाया हूं... ये क्या हुआ है. ये शब्द करण के हैं. जिन्होंने कैमरे के पीछे रह कर ऑस्कर विनिंग फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को शूट किया. खास बात यह है कि करण की ही सिनेमेटोग्राफी की हुई एक डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' पिछले साल भी ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई थी, लेकिन ऑस्कर पाने से चूक गई. अब लगातार दूसरे साल उनकी शूट की हुई डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई. और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने ऑस्कर अपने नाम भी किया. इसपर करण का कहना है कि तब जो सपना अधूरा रह गया था, वो इस फिल्म ने पूरा कर दिया. बैक टू बैक मेरे दो प्रोजेक्ट ऑस्कर तक पहुंचे और एक फिल्म को अवॉर्ड मिला ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. इस फिल्म का हिस्सा होना अपने में गर्व की बात है.
प्राकृतिक नजारों और वाइल्डलाइफ के बीच शूट
फिल्म हाथी के दो अनाथ बच्चों रघु-अम्मू और उनकी देख-रेख करने वाले बोम्मन और बेली पर बनी है. डॉक्यूमेंट्री तमिलनाडु के मुदुमलाई नेशनल पार्क के शानदार प्राकृतिक नजारों और वाइल्डलाइफ के बीच शूट हुई है. ऐसे में शूटिंग का एक्सपीरियंस कैसा रहा. इसके जवाब में करण बताते हैं कि ये अनुभव मेरे लिए बहुत अलग है. फिल्म की कुछ शूटिंग लॉकडाउन के बाद भी हुई, ऐसे में बंद घर से निकलकर इतनी खूबसूरत लोकेशन में घने जंगलों और नेचर के बीच शूट करने का एक्सपीरियंस शानदार रहा.
जब डायरेक्टर ने ऑफर की फिल्म...
ये डॉक्यूमेंट्री शूट करने का ऑफर कैसे मिला? इसके जवाब में करण बताते हैं कि ये 2020 में लॉकडाउन की बात है जब डायरेक्टर कार्तिकी गोंसाल्वेस का फोन आया और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री के बारे में बताया. जब मैंने आइडिया सुना तो मेरा रिएक्शन था Wow... इसके साथ ही मैंने पूछा था कि इस प्रोजेक्ट के लिए आपने मुझे क्यों चुना. तो कार्तिकी का कहना था कि क्योंकि हमें सिर्फ कैमरा लैंस से ये शूट नहीं करना है. हमें इन लोगों को बहुत करीब से देखना है. इसमें इमोशन है, जो आप स्क्रीन पर बखूबी ला सकते हैं. जिसके बाद मुझे लगा कि हम दोनों ही सही इंसान से बात कर रहे हैं. मैंने कहा कि मैं रेडी हूं, बताओ आगे क्या करना है.

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