उग्रवादी, मुठभेड़ और आगजनी... जिरीबाम जिले में मिली दो बुजुर्गों की लाश, पांच लोग हुए थे लापता
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पुलिस अफसर ने बताया कि उग्रवादियों ने जकुरादोर करोंग क्षेत्र में कुछ दुकानों में आग लगाई थी, उसी के बाद वहां दो बुजुर्गों की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि पांच व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी. इसी के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया था.
मणिपुर के जिरीबाम जिले में मंगलवार की सुबह दो बुजुर्गों की लाशें मिलने से सनसनी फैल गई. ये लाशें उस जगह से बरामद की गईं, जहां एक दिन पहले संदिग्ध आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई थी. अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
जिरीबाम जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि लापता व्यक्तियों की तलाश के दौरान, लैशराम बालेन और मैबाम केशो के शव जकुरादोर करोंग इलाके में मलबे से बरामद किए गए, जहां सोमवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने कुछ दुकानों में आग लगा दी थी.
पुलिस अफसर ने आगे बताया कि उग्रवादियों ने जकुरादोर करोंग क्षेत्र में कुछ दुकानों में आग लगाई थी, उसी के बाद वहां दो बुजुर्गों की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि पांच व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी. इसी के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिरीबाम जिला प्रशासन ने क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों के साथ गोलीबारी में संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में कुकी-जो बहुल पहाड़ी इलाकों में मंगलवार सुबह पांच बजे से बंद रखा गया. कुकी-जो परिषद ने मंगलवार सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक राज्य के पहाड़ी इलाकों में पूर्ण बंद रखने का आह्वान किया था, ताकि उन लोगों के लिए सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त की जा सके, जिनकी बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई.
आपको बता दें कि सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए, जब छद्म वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ के एक निकटवर्ती शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बोरोबेक्रा में भारी गोलीबारी के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान भी घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई है. उन्होंने बताया कि मंगलवार की सुबह जिरीबाम में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही और पुलिस संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रही है.
दिल्ली में प्रदूषण पर कंट्रोल के दावे की खुली पोल, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट देने में फर्जीवाड़े का खुलासा
दिल्ली सरकार ने पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए ही ट्रैफिक चालान 500 रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार किया था, ताकि लोग तय समय पर अपनी गाड़ी के पॉल्यूशन की जांच कराते रहें. दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी है, यही कारण है कि पिछले कुछ साल से जब पॉल्यूशन बढ़ता है, तो दिल्ली सरकार ईवन और ऑड फॉर्मूला अपनाती है, ताकि सड़कों से गाड़ियों को कम किया जा सके, लेकिन पॉल्यूशन केंद्र पर बैठे ये लोग चंद पैसे के लालच में सरकार के सारे प्लान को फेल कर रहे हैं और हम ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं.