इस देश के मुस्लिमों ने क्यों किया हज पर ना जाने का फैसला?
AajTak
देश की मौजूदा स्थिति और यहां के लोगों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका के ऑल सीलोन हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन और हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने इस साल हज पर नहीं जाने का फैसला किया है.
श्रीलंका के मुसलमान इस साल हज पर नहीं जा सकेंगे. इसकी वजह देश का आर्थिक संकट में फंसा होना है. श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है.
श्रीलंका के हज आयोजकों ने मुस्लिम समुदाय से चर्चा के बाद इस फैसले की जानकारी दी.
पिछले महीने सऊदी अरब ने श्रीलंका से 1,585 हज तीर्थयात्रियों के कोटे को हरी झंडी दी थी.
देश की मौजूदा स्थिति और यहां के लोगों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका के ऑल सीलोन हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन और हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने इस साल हज पर नहीं जाने का फैसला किया है.
दोनों एसोसिएशन ने देश के मुस्लिम धार्मिक मामलों के विभाग को पत्र भेजा था. पत्र में इस साल हज छोड़ने के फैसले के बारे में सरकार को जानकारी दी गई.
पत्र में कहा गया कि देश के सामने गंभीर आर्थिक संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
स्पेन में रूस के दूतावास ने एक बयान में कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मालवाहक जहाज किन परिस्थितियों में डूबा और स्पेन में अधिकारियों के संपर्क में हैं. लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के मुताबिक ओबोरोनलॉजिस्टिका ग्रुप की सिस्टर कंपनी SK-Yug, कार्गो शिप 'Ursa Major' की ऑनर और ऑपरेटर है. उसने इसके डूबने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है. क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है. क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा? देखें.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?