इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर को लेकर नेतन्याहू ने दी मंजूरी! लेकिन फंस गया पेच
AajTak
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से तनाव देखा जा रहा है. लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनानी समूह हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर समझौते को मंजूरी दे दी है, लेकिन कुछ डिटेल्स को लेकर इजरायल को आपत्तियां हैं, जिसे फिर से सोमवार को लेबनान को भेजे जाने की उम्मीद थी.
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से तनाव देखा जा रहा है. लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनानी समूह हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर समझौते को मंजूरी दे दी है, लेकिन कुछ डिटेल्स को लेकर इजरायल को आपत्तियां हैं, जिसे फिर से सोमवार को लेबनान को भेजे जाने की उम्मीद थी. रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के कुछ बिंदुओं पर अभी भी बातचीत चल रही है और जब तक सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, इसे अंतिम रूप नहीं माना जाएगा.
जानकारी के अनुसार, इजरायली कैबिनेट को भी सीजफायर समझौते को मंजूरी देनी होगी. वहीं, इजरायली सरकारी प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने कहा, 'हम एक समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करनी है.'
यह भी पढ़ें: 'नेतन्याहू को गिरफ्तार नहीं बल्कि फांसी दो...' इजरायली PM पर भड़के ईरान के सर्वोच्च लीडर खामेनेई
दोनों देशों में चल रही बातचीत
बातचीत में शामिल सूत्रों ने कहा कि वार्ताएं सकारात्मक दिशा में बढ़ती दिख रही हैं, लेकिन चेतावनी दी कि इजरायल-हिजबुल्लाह शत्रुता जारी होने के कारण एक छोटी सी चूक भी इन वार्ताओं को पटरी से उतार सकती है. बता दें कि पिछले हफ्ते, अमेरिकी राजदूत अमोस होचस्टीन बेरुत में थे, जहां उन्होंने बातचीत की प्रगति का आकलन किया और कहा कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षविराम समझौता 'हमारे पहुंच में है.'
हाल ही में इजरायल ने बेरूत पर एक बार फिर हवाई हमले किए थे, जिसमें 29 लोग मारे गए थे. वहीं, हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायल पर 250 से अधिक मिसाइलों की बौछार की. हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है. पिछले महीने, दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया था कि अमेरिकी मध्यस्थ इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षविराम को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है. इजरायल ने सितंबर मध्य में लेबनान पर एक बड़ा आक्रमण किया था.
खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के कुर्रम जिले मे 21 नवंबर को शिया और सुन्नी के बीच जबरदस्त सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी. इस हिंसा में सिर्फ तीन में ही 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. मारे जाने वालों में ज्यादातर शिया हैं. ऐसे में जानते हैं कि 21 नवंबर को ऐसा क्या हुआ कि कुर्रम में शिया और सुन्नी के बीच जंग छिड़ गई.
मेक्सिको के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बंदूकधारियों ने एक बार में अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. इस हमले में 6 लोगों की मौत हो गई, हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि गोलीबारी की वजह क्या थी. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में लोग बार से भागते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कुछ बचे हुए लोग पुलिस के आने पर पीड़ितों के साथ रुके हुए हैं.
रूस की हाइपरसोनिक मिसाइल ने नैटो देशों को नया खतरा दिखाया है. इन मिसाइलों की रेंज 6000 किलोमीटर है और वे परमाणु वॉरहेड ले जा सकते हैं. इन मिसाइलों को रोकना लगभग असंभव है, जिससे नैटो देशों में खौफ फैल गया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि यदि रूस पर हमला होता है तो उन्हें बदला लेना होगा. इसके बावजूद, अमेरिका ने कहा है कि वह रूस से युद्ध नहीं चाहता है.
कुर्रम जिले में 23 नवंबर को लगभग 300 परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए, क्योंकि हल्के और भारी हथियारों के साथ गोलीबारी रात तक जारी रही. हालांकि, रविवार सुबह किसी और मौत की सूचना नहीं थी. स्थानीय प्रशासन के अधिकारी ने एएफपी से कहा, कुर्रम में मोबाइल नेटवर्क सस्पेंड कर दिया गया है और मुख्य राजमार्ग पर यातायात रुका हुआ है.
कनाडा सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए गुरुवार को एक बयान जारी किया है. ट्रूडो के खुफिया सलाहकार नताली ड्रोइन ने कहा, “कनाडा सरकार ने न तो ऐसा कोई बयान दिया है, और न ही वह ऐसे किसी साक्ष्य से अवगत है, जो प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या NSA डोभाल को कनाडा में किसी गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ता हो.