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आलिया भट्ट के ऑनस्क्रीन पति कब करेंगे शादी? बोले- इसका जवाब तो मां को भी नहीं देता
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विजय एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को डेट कर रहे हैं. अक्सर ही दोनों इवेंट्स पर साथ देखे जाते हैं. फैंस को दोनों की जोड़ी बेहद प्यारी लगती है. ऐसे में फैंस ये जानने को बेहद बेताब हैं कि विजय शादी कब करने वाले हैं. इसका जवाबे देते हुए एक्टर ने कहा- ना तो मैं इसका जवाब अपनी माताजी को दे पाता हूं ना आपको पाउंगा.
विजय वर्मा ने साहित्य आजतक में शिरकत की, जहां उन्होंने अपने निजी और फिल्मी सफर को लेकर बात की. विजय ने ऑडियन्स में बैठे लोगों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि इतने लोग यहां मुझे सुनने बैठे हैं. जाहिर है इन्हें मेरे किरदार पसंद आ रहे हैं. किरदार मेरे काफी टेढ़े किस्म के होते हैं, लेकिन प्यार मुझे एकदम सीधा-सादा मिलता है.
एक्टर का फिल्मी सफर
विजय ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद कर बताया कि उनके अकाउंट में महज में 18 रुपये थे, जब उन्होंने अपने सफर की शुरुआत की थी. वो सोच ही थे कि एक कॉल आया कि आपको रिपोर्टर का रोल करना है. लेकिन वहां जाकर पता चला कि इंग्लिश रिपोर्टर का रोल है. मुझे ठीक ठाक आती है, अंग्रेजी, तो मैंने जैसा आता था वैसा बोल दिया. मैं फंस गया था. मुझे डायरेक्टर से डांट भी पड़ी. लेकिन वो रोल मैंने पैसों के लिए किया था, फिर मैंने गांठ बांध लिया कि पैसों के लिए कोई रोल नहीं करुंगा. मैंने सोच लिया कि वो कैरेक्टर करूंगा जो पसंद आएगा. मेरा निशाना अर्जुन की तरह मछली की आंख पर था. मैंने तय कर लिया था कि एक दिन ऐसा कुछ जरूर करूंगा जो लोगों तो पहुंच पाएगा. विजय ने बताया कि कछुआ-खरगोश की एक कहानी सबने सुनी होगी. मैं मानता हूं कि मेरा करियर जो है वो कछुए की तरह आगे बढ़ा है.
इसके बाद विजय ने अपने रोल्स को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि डार्लिंग्स में मेरा रोल जो था, वो ही मैं नहीं हूं, इसलिए उस किरदार में ढलने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी. मेरा कैरेक्टर बेहद ही एक्टिवली वायलंट था. रोज करना पड़ रहा था, थक गया था मैं. फिल्म में आलिया भट्ट और शेफाली शाह ने हाथ पैर बांधकर मेरी पिटाई की थी. पहले हाल्फ में मैंने पिटाई की, दूसरे हाल्फ में मेरी पिटाई हुई. दहाड़ में दिक्कत ये थी कि वो जो कुछ करता है चुपचाप से करता है. फ्रंट उसका बहुत सीधा सादा था. डिफिकल्टी नहीं लगी, लेकिन मजा बहुत आया था.
पकंज त्रिपाठी को किया कॉपी
मुझे लगता है कि एक अभिनेता की आंखें सबसे पहले बात करती हैं. आंखों का एक्सप्रेश ऐसा हो, जो बता कि जो भी मन में चल रहा हो. आंखें झूठ नहीं बोलती. एक अच्छा अभिनय वहीं है जो आंखों से बात कर सके. बीच-बीच विजय ने अपनी फिल्मों के डायलॉग्स तक सुनाए. विजय ने बताया कि पूर्वांचल टोन में ढलने वाले रोल की तैयारी के लिए उन्होंने पंकज त्रिपाठी के खूब सारे इंटरव्यूज देखे. उनको मैंने पूरा कॉपी किया है.