आधी रात चेकआउट, लाल ट्रॉली बैग, 30 हजार वाली टैक्सी... सूचना ने कत्ल के सबूत मिटाने के बनाए थे फुलप्रूफ प्लान
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सूचना सफर के लिए पूरी तरह से तैयार थी. उसने ट्रॉली बैग डिसूज़ा को थमा दिया. डिसूज़ा ट्रॉली बैग लेकर होटल के गेट पर ही पोर्च में खड़ी अपनी गाड़ी तक गया. इसके बाद उसने कार की डिग्गी खोली और पहली बार बैग को हाथों से उठा कर डिग्गी में रखा. तभी उसे अहसास हुआ कि बैग कुछ ज्यादा ही भारी है.
Killer Mother Soochna Seth: कातिल मां सूचना सेठ की कहानी ने सबको दहला दिया है. हर कोई हैरान परेशान है कि आखिर एक मां अपने मासूम बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकती है? उस रोज़ यानी 7 जनवरी की रात साढ़े 12 बजे सूचना सेठ गोवा के 'द सोल बनयान ग्रैंडे' होटल से जिस इनोवा गाड़ी में अपने बेटे की लाश को बैग में रख कर बेंगलुरु के लिए निकली थी, उस इनोवा कार को ड्राइवर रॉयजॉन डिसूज़ा चला रहा था. ये वही ड्राइवर है जिसने सूचना को पुलिस थाने पहुंचाया. आइए जानते हैं, ड्राइवर रॉयजॉन डिसूज़ा के बयान पर आधारित एक लाश के सफर की ये पूरी कहानी.
रात करीब 11 बजे डिसूज़ा के पास आई थी कॉल वो सात जनवरी की रात थी. रॉयजॉन डिसूज़ा नॉर्थ गोवा के अंजुणा इलाके में अपने घर पर मौजूद था. डिसूज़ा पेशे से एक कैब ड्राइवर है. 7 जनवरी को संडे था. पर अमूमन डिसूज़ा संडे को अपने परिवार के साथ ही रहा करता था. उस रात करीब 11 बजे डिसूज़ा के मोबाइल पर एक फोन आता है. ये फोन होटल सोल बनयान ग्रैंडे के रिसेप्शन से था. डिसूज़ा इस नंबर को पहचानता था, क्योंकि वो कई बार इस होटल से गेस्ट को गोवा घुमाने के लिए ले जाया करता था.
डिसूज़ा ने गोवा से बेंगलुरु के लिए मांगे थे 30 हजार फोन करने वाले ने डिसूज़ा से पूछा कि क्या वो बेंगलुरु तक जा सकता है? एक लेडी पैसेंजर को बेंगलुरु छोड़ना है. आम तौर पर डिसूज़ा अपनी कैब इतनी दूर तक नहीं ले जाता था. लेकिन उसे नाइट शिफ्ट पसंद थी. रात को कैब चलाना उसे अच्छा लगता था, क्योंकि तब सड़क खाली हुआ करती थी. चूंकि पैसेंजर को बेंगलुरु छोड़ कर वापस अकेले आना था, इसलिए डिसूज़ा ने वापसी का किराया भी जोड़ कर कुल 30 हजार रुपये की मांग की. साथ ही ये भी कहा कि चूंकि उसे बेंगलुरु से गोवा वापस अकेले आना है, ऐसे में वो अपने साथ एक साथी ड्राइवर को भी ले जाएगा.
लाल रंग का ट्रॉली बैग लेकर आई थी सूचना सौदा तय हो गया. इसके बाद रिसेप्शन से कहा गया कि वो ठीक साढ़े 12 बजे होटल पहुंच जाए. डिसूज़ा ने अपने को-ड्राइवर को इस सफर में साथ जाने के लिए तैयार कर लिया. दोनों ने अपने कपड़े पैक किए, इसके बाद इनोवा गाड़ी उठाई, टंकी फुल करवाई और साढ़े 12 से कुछ पहले ही होटल द सोल बनयान ग्रैंडे पहुंच गया. होटल पहुंचने के बाद उसने रिसेप्शन पर अपने आने की खबर दी. थोड़ी ही देर बाद उसने देखा कि एक महिला सामने से चली आ रही है. उसके हाथ में लाल रंग का एक बड़ा सा ट्रॉली बैग था.
बहुत भारी था वो ट्रॉली बैग रिसेप्शन पर बैठे शख्स ने सूचना को कैब ड्राइवर से मिलवाया. सूचना सफर के लिए पूरी तरह से तैयार थी. उसने ट्रॉली बैग डिसूज़ा को थमा दिया. डिसूज़ा ट्रॉली बैग लेकर होटल के गेट पर ही पोर्च में खड़ी अपनी गाड़ी तक गया. इसके बाद उसने कार की डिग्गी खोली और पहली बार बैग को हाथों से उठा कर डिग्गी में रखा. तभी उसे अहसास हुआ कि बैग कुछ ज्यादा ही भारी है. लेकिन इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा.
रात के 2 बजे गोवा-कर्नाटक बॉर्डर पर पहुंची थी कैब सूचना ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बांयी तरफ बैठती है. जबकि डिसूज़ा का को ड्राइवर आगे ड्राइवर की बराबर वाली सीट पर बैठ जाता है. अब इन्नोव कार होटल से निकल पड़ती है. तब घड़ी में रात के ठीक साढ़े 12 बजे थे. अगले डेढ़ घंटे तक गाड़ी भागती रहती है. देर रात होने की वजह से ट्रैफिक उतना नहीं था, लेकिन हाई वे पर ट्रक काफी थे. डेढ़ घंटे बाद रात के करीब 2 बजे थे. गाड़ी अब गोवा कर्नाटक बॉर्डर पर पहुंच चुकी थी.
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