आजादी के 73 साल बाद भी Delhi के Ghoga गांव में नहीं बना Hospital, इलाज के लिए भटक रहे लोग
Zee News
दिल्ली का एक गांव आज भी ऐसा है जहां कोई अस्पताल नहीं है. यहां रहने वाले लोगों को इलाज के लिए 10-15 किमी दूसरे गांव जाना पड़ता है. ये दूरी कई मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो जाती है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर में हम सभी ने देखा कि किस तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) की स्वास्थ्य सेवाएं जकड़ी हुई थीं. अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइन तो जैसे आम बात हो गई थी. ऐसे में क्या राजधानी ने दूसरी लहर से कुछ सीखा? इसकी पड़ताल करने ज़ी मीडिया की टीम दिल्ली के घोगा गांव (Ghoga Village) पहुंची. यहां हमने देखा कि गांव की सड़कें चमचमा रही थीं. गांव में बिजली भी भरपूर आ रही थी. गांव में बैंक की ब्रांच से लेकर एटीएम और डीटीसी का बस अड्डा तक था. लेकिन नहीं था तो बस एक प्राथमिक अस्पताल (Primary Hospital), जहां लोग इलाज करवा सकें. गांव में रहने वाले प्रमोद का कहना है कई साल पहले यहां सामुदायिक केंद्र में एक डिस्पेंसरी थी, जहां पर वे इलाज कराते थे. लेकिन वक्त के साथ डिस्पेंसरी भी बंद हो गई.More Related News