![आजतक न्यूज चैनल से पुराना है 'बधाई हो' एक्टर गजराज राव का रिश्ता, बताया कैसे बना था पहला एड](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202312/gajraj_rao-sixteen_nine.jpg)
आजतक न्यूज चैनल से पुराना है 'बधाई हो' एक्टर गजराज राव का रिश्ता, बताया कैसे बना था पहला एड
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साल 2001 में गजराज राव ने आजतक के लिए एक बेहतरीन विज्ञापन लिखा था, जिसे आज भी याद किया जाता है. एजेंडा आजतक 2023 में मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी ने गजराज राव से आजतक के साथ उनके कनेक्शन के बारे में पूछा. इसपर एक्टर ने चैनल के साथ-साथ अरुण पुरी जी की तारीफ की.
फिल्म 'बधाई हो' से घर-घर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले एक्टर गजराज राव हर किसी के फेवरेट हैं. एजेंडा आजतक 2023 के दूसरे दिन 'बधाई हो! गजराज राव' सेशन में उन्होंने अपने स्ट्रगल, फिल्म 'बधाई हो' और आजतक चैनल के साथ अपने पुराने रिश्ते को लेकर बात की. गजराज राव ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापन लिखने से की थी. साल 2001 में उन्होंने आजतक के लिए एक बेहतरीन विज्ञापन लिखा था, जिसे आज भी याद किया जाता है. इसमें उन्हें एक्टिंग करते भी देखा गया था. ऐसे में सेशन के दौरान मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी ने गजराज राव से आजतक के साथ उनके कनेक्शन के बारे में पूछा.
आजतक से है गजराज का पुराना रिश्ता
एजेंडा आजतक 2023 के मंच पर साल 2001 में आया गजराज राव का विज्ञापन दिखाया गया. इसमें वो पुलिसवाले की वर्दी पहने बैठे थे और आजतक को सबसे तेज और निष्पक्ष चैनल बताते नजर आए थे. चित्रा की बात के जवाब में गजराज राव ने कहा, 'इसको कहते हैं राउंड सर्कल होना. मैं दिल्ली में था, दिल्ली में थिएटर किया करता था. एक एड फिल्म मेकर थे प्रदीप सरकार जी. उन्हें असिस्ट करने लगा. प्रदीप जी की वजह से मैंने विज्ञापन की दुनिया को समझा. आजतक 20 मिनट का कैप्स्यूल था और उसे 24 घंटे का न्यूज चैनल बनने का प्रयास किया जा रहा था. प्रदीप जी को इसकी जिम्मेदारी मिली थी. तब दो तीन राइटर थे. अरुण पुरी सर को कोई कहानी पसंद नहीं आ रही थी.'
'मैं तब असिस्टेंट था. हमें लगा ये प्रोजेक्ट हाथ से चला जाएगा. ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में मैंने कई देखी थीं. मुझे लगा कि उनके स्टाइल में कुछ कर सकते हैं. मैंने दादा (प्रदीप) को बताया कि ऐसा कुछ कर सकते हैं. दिल्ली के सीपी वाले ऑफिस में हम गए, अरुण जी वहां नहीं थे, तो हमने वहां मौजूद टीम को कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि ये अरुण सर को पसंद नहीं आएगी. फिर अरुण पुरी जी आए. मैं बहुत नर्वस था. पहली बार उन्हें स्क्रिप्ट सुना रहा था. मैंने अरुण जी को कहानी सुनाई. पहली स्क्रिप्ट सुनाई, कोई रिएक्शन नहीं मिला. दूसरी स्क्रिप्ट सुनाई, कोई रिएक्शन नहीं मिला. तीसरी स्क्रिप्ट जब उन्होंने सुनी तो उनके चेहरे पर हल्की मुस्कान आई. उन्होंने कहा कि ये, यही चाहिए मुझे.'
'अरुण पुरी जी मेरे लिए बहुत बड़े हैं'
गजराज राव ने ये भी कहा, 'शुरुआती दौर में जब मुझे काम की कमी थी. तब मैंने कुछ पब्लिक एड लिखे और अरुण जी ने उन्हें अप्रूव किया. मेरे लिए अरुण पुरी बहुत बड़े हैं. वो यहां इंडिया टुडे के सर्वोपरि हैं. इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी हैं. अंग्रेजी में बातचीत लोग उनसे करते हैं. मेरी हिंदी में सुनाई स्क्रिप्ट को उन्होंने सुना और पसंद किया. मेरे लिए वो बहुत बड़ी बात थी. आजतक के लिए ये कह सकते हैं कि ये एक बरगद की तरह है. यहां से सीखने के बाद लोग यूट्यूब और दूसरे चैनल पर सितारे बन गए हैं.
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