अमेरिका-यूरोप में एक घंटा पीछे हो जाएगा समय! साल में दो बार क्यों बदलता है वक्त
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अमेरिका और यूरोप के कई देशों में समय को एक घंटा पीछे कर दिया जाएगा. अमेरिका में 5 नवंबर की रात 2 बजे ऐसा होगा. इन देशों में साल में दो बार घड़ी की सुइयों को एक घंटा आगे-पीछे किया जाता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है? समझिए...
दुनिया के कई देशों में घड़ी की सुइयां एक घंटा पीछे होने वाली हैं. यानी, समय एक घंटा पीछे हो जाएगा. ऐसा अमेरिका, कनाडा, क्यूबा समेत यूरोप के कई देशों में होगा.
इन देशों में पांच नवंबर को घड़ियां एक घंटा पीछे हो जाएंगी. ऐसा डेलाइट सेविंग टाइम के लिए किया जाएगा. इन देशों में साल में दो बार घड़ी की सुइयों को आगे-पीछे किया जाता है.
ये डेलाइट सेविंग टाइम क्या है?
डेलाइट सेविंग टाइम को सबसे पहली बार बेंजामिन फ्रेंकलिन ने साल 1784 में इंट्रोड्यूस किया था. हालांकि, इसका मौजूदा कॉन्सेप्ट न्यूजीलैंड के कीटविज्ञानी जॉर्ज हडसन ने दिया था.
जॉर्ज हडसन ने 1895 में समय को दो घंटे आगे-पीछे करने का प्रस्ताव रखा था. इसका मकसद था कि वो गर्मियों के दिनों में कुछ समय धूप में भी बिता सकें.
पहले विश्व युद्ध के दौरान भी डेलाइट सेविंग टाइम का कॉन्सेप्ट अपनाया गया था. ऐसा इसलिए ताकि लोग बाहर ज्यादा से ज्यादा समय रहें और इससे एनर्जी की बचत हो.
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